लखनऊ : हुसैनाबाद ट्रस्ट की संपत्ति पर अजादारी और मजलिसों से संबंधित विज्ञापन सामग्री और काले परचमों पर प्रशासन के प्रतिबंध के खिलाफ आज बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी के नेतृत्व में विरोध शांति मार्च निकाला गया, प्रशासन ने यह कहकर पाबंदी लगा दी है कि सरकारी जमीनों पर मजलिसों के बैनर और विज्ञापन और काले झंडे नहीं लगाए जा सकते। सुबहा बड़े इमामबाड़े पर मातमी अंनजुमनों के जवान काले परचमों के साथ इकट्ठे हुए और उसके बाद काले परचमों को हर उस जगह स्थापित किया गया जहां हर साल मुहर्रम में लगाए जाते थे।
छोटे इमामबाड़े पर पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मजलिसे उलमाये हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि 100 साल से भी अधिक समय से अजादारी से संबंधित सभी विज्ञापन सामग्री हुसैनाबाद ट्रस्ट और अजादारी रोड पर लगती आयी है मगर प्रशासन पूरी तरह शियों को कुचलने पर आमादा है इसलिए उन्होंने यह कहकर प्रतिबंध लगाया कि सरकारी संपत्ति पर कोई बैनर या होर्डिंग नहीं लगेगी जबकि पूरे शहर में सरकारी भूमि पर राजनीतिक और धार्मिक हर तरह की होर्डिंग लगी हुई हैं। मौलाना ने कहा कि शिया कौम अपनी वक्फ भूमि पर अजादारी की होर्डिंग और बैनर लगा रही है मगर प्रशासन एक मंत्री के इशारे पर प्रतिबंध लगाने पर तुला है यह निंदनीय है , इस हरकत पर शिया कौम चुप नहीं रहेगी। मौलाना ने कहा कि हुसैनाबाद ट्रस्ट की जमीन पर राजनीतिक दलों के बैनर लगे उनकी होर्डिंग लगायी गयीं और दूसरे संप्रदाय के लोगों ने भी अपने पोस्टर चिपकायें तब प्रशासन कहां था, क्या यह प्रतिबंध सिर्फ शियों के लिए है जबकि वह अपनी वक्फ संपत्ति पर अजादारी के बैनर और काले झंडे लगा रहे हैं। मौलाना ने कहा कि डी0एम0 ने बड़े इमामबाड़े पर जो भाषण में वादे किए थे उसकी रिकॉर्डिंग मौजूद है उन्होंने कहा था कि मजलिसों के बैनर और होर्डिंग पर प्रतिबंध नहीं होगा। क्या वह अपने वादे भूल चुके हैं यदि ये वादे न करते तो बड़े इमामबाड़े का ताला अंनजुमनें कभी न खोलती।
शांति मार्च में मौलाना रजा हुसैन, मौलाना फिरोज हुसैन, मौलाना कमर उल हसन, और अन्य शिया उलेमा ने भाग लिया।
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