नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने को-ऑपरेटिव फेडरलिज़म पर चर्चा करने के लिए पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, यूपी और बिहार के मुख्यमंत्रियों को न्योता दिया था लेकिन अखिलेश यादव ने उनकी इस मुहिम को झटका दे दिया है। वह इस बैठक में शामिल नहीं होंगे।

हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। वहीं चुनावों में व्यस्त नीतीश कुमार सीधे तौर पर इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन उनका पहले से रिकॉर्ड किया गया संदेश बैठक में शामिल किया जाएगा।

नगालैंड के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की खबर है। कहने को तो इस कार्यक्रम में 5 राज्य ही हिस्सा ले रहे हैं लेकिन इसमें एक दूर की कौड़ी देखी जा रही है। राजनीतिक हलकों में इसको एक गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी तीसरे मोर्चे के पुनर्गठन की एक शुरुआत की तरह भी देखा जा रहा है। इसमें क्षेत्रीय पार्टियां एक मंच पर आ रही हैं जैसे बिहार की जनता दाल (यूनाइटेड) और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस दिल्ली की पार्टी आप के साथ एक मंच पर आ रही हैं।