लखनऊ। देश भर से टोल प्लाजा हटाने तथा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टी0डी0एस0 कटौती समाप्त करने की मांग को लेकर 01 अक्टूबर 2015 से होने वाले अनिश्चितकालीन देशव्यापी चक्काजाम पर अड़े ट्रांसपोर्टर व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आज हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना दिया तथा प्रधानमंत्री जी से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। आल इण्डिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांगे्रस से जुड़े विभिन्न संगठनों लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन, परिवहन विकास ट्रस्ट, दि ट्रक आपरेटर्स एण्ड ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसियेशन, उ0प्र0 मिनी ट्रक एसोसियेशन, उ0प्र0 बस आपरेटर्स एसोसियेशन, लोकल ट्रक आपरेटर्स एसोसियेशन, ट्रक आपरेटर्स एवं ट्रांसपोर्टर एसोसियेशन के अतिरिक्त यू0पी0 रोडवेज संविदा कर्मचारी संघ, किसान मंच व उ0प्र0 आदर्श व्यापार मण्डल ने धरने में उपस्थिथ्त दर्ज कराते हुये आन्दोलन को समर्थन प्रदान किया। धरने को सम्बोधित करते हुये आल इण्डिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रवक्ता जगदीश गुप्त ‘अग्रहरि’ ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों को टोल प्लाजा हटाने का वादा करके सत्ता में आयी भाजपा सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है। टोल प्लाजा के कारण देश को हो रहे लगभग 87 हजार करोड़ रुपये की राजस्व हानि को नजरन्दाज कर टोल ठेकेदारों को लूट करने की खुली छूट दे दी गयी है जिसके विरु( हम लोग आवाज उठा रहे हैं। लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष वी0के0 छाबड़ा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट व्यवसायी देश को भारी मात्रा में राजस्व देते हैं किन्तु सरकारें उनकी बात को अनसुना कर दे रही हैं जो कि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। धरने को सम्बोधित करते हुये वरिष्ठ परिवहन व्यवसायी सुरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि प्राइवेट टोल ठेकेदार जनता को निरन्तर लूट रहे हैं, कई टोल बैरियरों पर लागत से ज्यादा मुनाफा कमाने के बाद भी 10 से 20 वर्ष तक टोल लेने का ठेका सरकार ने उन्हें दिया है। एन0एच0ए0आई0 की बेबसाइट के आंकड़ों के आधार पर 60 से ज्यादा ऐसे टोल प्लाजा हैं जिनकी लागत से ज्यादा टोल वसूला जा चुका है, लेकिन टोल लेना अभी भी जारी है। आंकड़े बताते हैं कि इन प्रोजेक्टों की लागत 13476.72 करोड़ रुपये लगी है, जबकि वसूली लगभग 21897.36 करोड़ रुपये हो चुकी है। ट्रक आपरेटर्स एवं ट्रांसपोर्टर एसोसियेशन ;टोटाद्ध के अध्यक्ष अरुण अवस्थी ने कहा कि 6 रुपये प्रति लीटर डीजल और पेट्रोल पर सेस वसूला जा रहा है जिससे लगभग 45000 करोड़ रुपये राजस्व आता है जो सिर्फ रोड बनाने के लिए लगाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वाहन खरीद के समय ही अग्रिम रूप से रोड टैक्स भी सरकार द्वारा वसूल किया जाता है। लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के संयुक्त सचिव एवं टोल विरोधी संघर्ष समिति के संयोजक एच0पी0 यादव ने कहा कि टोल वैरियर पर लग रही वाहनों की लम्बी कतारों से ईंधन की बर्बादी, पर्यावरण व समय के रूप में प्रति वर्ष हो रहे लगभग 87000 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है। यदि इन आंकड़ों को आज की तारीख में देखें तो लगभग यह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगा, जबकि आर0टी0आई0 के माध्यम से यह पता चला है कि वर्ष 2014-15 में सिर्फ 14170.57 करोड़ रुपये का ही राजस्व आया है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। ट्रांसपोर्टरों ने एक स्वर में कहा कि हम सरकार के राजस्व के खिलाफ नहीं हैं, परन्तु टोल वैरियर जो कि भ्रष्टाचार और लूट के अड्डे बन गये हैं, उनसे मुक्ति चाहते हैं, जिससे कि बिना रोक-टोक वाहनों का वाहन हो सके। धरने में सर्वश्री मुकेश सिन्हा, टी0पी0एस0 अनेजा, एच0पी0 यादव, जमुकेश चैधरी, शालू भसीन, कौशल वर्मा, होमेन्द्र मिश्रा, हिमांशु छाबड़ा, सन्तशरण श्रीवास्तव ‘बबलू’, आसिफ अली, एस.के.गोपाल सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर संगठन द्वारा प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भी प्रेषित किया गया जिसमें टोल हटाने के लिए पीएमओ कार्यालय से तत्काल तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई।