रामपुर । कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान दंगे कराने की साजिश रच रही है। यह बाद उन्होंने रामपुर ईदगाह में नमाज के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कही। मुजफ्फरनगर दंगे में आयोग की रिपोर्ट पर सपा और भाजपा का नाम आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का कोई दोष हो ही नहीं सकता, क्योंकि पार्टी की तो खुद सरकार है। यह तो कमीशन की रिपोर्ट तय करेगी। एक बार रिपोर्ट को सार्वजनिक होने दीजिए, भाजपा की असलियत सामने आ जाएगी। सऊदी अरब के मिना में हुए हादसे के लिए वहां की हुकूमत को जिम्मेदार ठहराते हुए आजम ने कहा कि यात्रियों के लिए वहां ठीक इंतजाम नहीं किए गए या फिर इंतजाम बहुत कम थे। जब हम वहां गए थे तो देखा था कि वहां काफी चौड़ी सड़क है, जहां शैतान को पत्थर मारने का सिलसिला चलता है। जो हादसा हुआ है, वह इंतजामिया की ढील की वजह से हुआ है। यह असामाजिक तत्वों का षड्यंत्र भी हो सकता है। इसकी निष्पक्षता से जांच की जानी चाहिए।

वहीँ केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट में मुजफ्फरनगर दंगे के महत्वपूर्ण बिन्दुओं की अनदेखी की गई है। सात सितम्बर 2013 को नंगला मंदौड़ पंचायत से लौटते लोगों पर हथियारों के साथ सुनियोजित हमला करने वाले तत्वों के नाम आज तक सामने नहीं आए हैं। हमले के दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन दंगे के दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां के दबाव में था। आयोग को सबसे पहले इस दंगे के जिम्मेदार आजम खां से पूछताछ करनी चाहिए थी।

डा. बालियान आज मुजफ्फरनगर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त  2013 को कवाल कांड के बाद आजम खां के दबाव में तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह और एसएसपी मंजिल सैनी का तबादला कर तत्काल उन्हें रिलीव कर दिया गया। चौबीस घंटे तक जिला बिना जिलाधिकारी और एसएसपी के रहा। शहीद चौक पर हुई सभा में डीएम और एसएसपी का ज्ञापन लेने जाना भी दंगा भड़काने में सहयोगी रहा। दंगे की जांच सीबीआइ से न कराने की सिफारिश करने के पीछे सपा सरकार की सच छुपाने की नीयत है। दंगे के मुकदमों की जांच को आए एसआइटी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। निर्दाेषों का उत्पीड़न किया। आजम खां के साथ-साथ उस समय जिले की कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी जिम्मेदार हैं।