सीरिया। जिस बच्चे की तस्वीर ने पूरी दुनिया के सामने शरणार्थियों के दर्द को बयां किया, उसे शुक्रवार को जमीन में दफन कर दिया गया। सीरियाई बच्चे अयलान कुर्दी का परिवार आतंकी संगठन आईएसआईएस से डरकर नाव से तुर्की पहुंचने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान नाव पलट गई और अयलान सहित उसके पांच साल के भाई गालिप और मां रिहाना की मौत हो गई।

इस तीन साल के मासूम बच्चे का शव तुर्की के मुख्य टूरिस्ट रिजॉर्ट के पास समुद्र तट पर औंधे मुंह रेत पर पड़ा हुआ था। इसकी तस्वीर सामने आते ही दुनियाभर में शरणार्थियों के प्रति गहरी चिंता पैदा हो गई। इस तस्वीर ने एक बार फिर से यूरोप में बढ़ रहे शरणार्थी संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचा।

आलयान उत्तर सीरिया के छोटे से शहर कोबानी का रहने वाला था, ये शहर तुर्की सीमा से लगा हुआ है। जहां कुछ महीने पहले ही इस्लामिक स्टेट और सेना की बीच चल रहे संघर्ष की खबरें सामने आई थीं। अयलान की उदास तस्वीर बिजली की गति से सोशल मीडिया के जरिए स्पेन से स्वीडन तक फैल गई और अखबार की सुर्खियों में शामिल हो गईं। इसके साथ ही समालोचकों ने एक सुर में इस स्थिति की विवेचना युद्ध और संघर्ष के दौरान मध्य पूर्व और अफ्रीका के उन लोगों के हालातों से की है जो वहां से भागकर दूसरे देश में शरण लेना चाहते हैं।

ट्वीटर पर तुर्क हैशटैग #KiyiyaVuranInsanlik� यानि मानवता का नाश के शीर्षक से ये तस्वीर ट्रेंड करती रही। एक ब्रिटिश अखबार ने इसे मानवीय आपदा का मासूम शिकार कहा तो, इटली के अखबार ने लिखा कि दुनिया को खामोश करती एक उदास तस्वीर। ब्रिटिश अखबार इंडिपेन्डेंट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अगर किसी सशक्त तस्वीरों के बाद भी ब्रिटेन का शरणार्थी के प्रति रवैया नहीं बदलेगा तो फिर किस चीज से हालात बदलेंगे। इस साल अब तक साढ़े तीन लाख से भी ज्यादा लोग उत्तरी अफ्रीका से यूरोप तक की खतरनाक यात्रा कर चुके हैं, इनमें से कई लोग वैसे हैं, जिन्हें लीबिया से मानव तस्करी कर यूरोप लगाया गया है।