नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2013 के लैंड बिल पर यू टर्न ले लिया है। सरकार इस बिल के सभी बड़े संशोधन वापस ले रही है। इसका मतलब यह है कि अब यह बिल कुछ मामूली संशोधनों के साथ लगभग अपने मूल रूप यानी 2013 केे यूपीए के लैंड बिल जैसा ही रहेगा। बाद में राज्यों को भी अपने कानून बनाने का अधिकार होगा।
कुल मिलकार सरकार के 15 संशोधन थे जिसमें 4 प्रक्रिया से जुड़े थे। बिल में सरकार ने 9 बड़े संशोधन पेश किए थे जिनका कांग्रेस ने विरोध किया था। सूत्रों के अनुसार सरकार 6 बड़े संशोधन वापस ले रही है। सरकार सहमति का क्लॉज नहीं बदलेगी और सामाजिक प्रभाव का आकलन भी बरकरार रहेगा।
स्पेशल कैटेगरी के प्रावधान वाला संशोधन भी वापस लिया जा रहा है। आद्योगिक गलियारे का प्रस्ताव भी वापस लिया जा रहा है। इस तरह 2013 का कानून जस का तस ही रहेगा। अन्य तीन संशोधनों पर मंगलवार को चर्चा होगी।
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