पीएसएम, कनज्यूमर आनलाइन फाउंडेशन, माता आनंदमयी अस्पताल की अनूठी पहल

लखनऊ:  भारत में पहली बार गरीबों और बुजुर्गों को संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध कराने वाली परियोजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से की जा रही है। वाराणसी में पायलट परियोजना की तर्ज पर शुरु की जा रही इस महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सेवा को पार्टनरशिप फॉर सेफ मेडिसिन (पीएसएम), इंडिया इनिशिएटिव, और कनज्यूमर आनलाइन फाउंडेशन, माता आनंदमयी अस्पताल के सहयोगसे संचालित करेगी।

परियोजना का उद्देश्य अगले 12 महीनों में कम से कम एक लाख लोगों तक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोग और वरिष्ठ नागरिक परियोजना के केंद्र में होंगे। उक्त परियोजना में नेशनल हेल्थ एशोएरेंस मिशन (एनएएचएम) की अहम भूमिका होगी।

वाराणसी में 10 अगस्त से शुरु होने वाली इस अनूठी पहल  के बारे में जानकारी देते हुए पीएसएम के संस्थापक व जाने माने उपभोक्ता अधिकार विशेषज्ञ बिजॉन मिश्रा ने बताया कि प्रस्तावित परियोजना का प्रबंधन सार्वजनिक निजी सहभागिता के आधार पर पहले से मौजूद संस्थाओं बनारस हिंदु विश्वविद्यालय, माता आनंदमयी अस्पताल, केंद्र, राज्य सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ राष्ट्रीय स्तर के संगठनों  पार्टनरशिप फॉर सेफ मेडिसिन (पीएसएम), इंडिया इनिशिएटिव, और कनज्यूमर आनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से किया जाएगा।

एक प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य वाराणसी से सटे ग्रामीण इलाकों में रोग प्रतिरोधक स्वास्थ्य सेवाएं देने के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना, वर्तमान में चल रही कल्याणकारी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का नया ढांचा खड़ाकरना होगा। गंभीर बीमारी की स्थिति में स्वास्थ्य बीमा आधारित माडल के जरिए विशेष उपचार उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें सरकार की ओर से चरणबद्ध तरीके से वाराणसी के गरीब व बुजुर्ग नागरिकों को सभी आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। इतना ही गरीबों की सभी जरुरी पैथालॉजी जांचें भी मुफ्त की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में वाराणसी में प्रयोग के तौर पर संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज की अवधारणा के कार्यान्वन के लिए निजी व सार्वजनिक के बीच भागीदारी का निर्माण करना है। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य आश्वासन मिशन (एनएएचएम) के तहत

उपलब्ध कराए गए संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है। परियोजना के तहत उपचार के लिए आने वाले लोगों के स्वास्थ विवरण को सूचना प्रौद्योगिक के बेहतर इस्तेमाल के साथ दर्ज कर उनका उपयोग रोग के निवारण के लिए करना होगा। माता आनंदमयी अस्पताल से जुड़े स्वप्न गांगुली ने बताया कि भारत में स्वास्थ सेवाओं को लेने वाले लोग कुल खर्च का 70 फीसदी अपने जेब से देते हैं। ऐसे में इस तरह की पहल की बेहद जरुरत है। गांगुली के मुताबिक इस अलाभकारी मॉडल से जुडऩे वाली संस्थाओं का प्रयास एक इस तरह का सामूहिक भूमिका निभाने का होगा जहां मुनाफे के लिए स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले

मॉडल के साथ एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल तैयार हो सके। उन्होंने बताया कि इस परियोजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे इसके लिए 24 घंटे चलने वाली टोल फ्री उपभोक्ता हेल्पलाइन 1800-11-4424 शुरु की जा रही है।

साथ ही बीएचयू में मरीजों की सुरक्षा के लिए एक सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना इसी साल दिसंबर तक किए जाने का भी लक्ष्य है।