लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, राम नाईक से आज राजभवन में लोकसभा उपाध्यक्ष, डा0 एम0 थम्बी दुरई के नेतृत्व में संसदीय समिति के सदस्यों ने भेंट की। संसदीय समिति में सांसद, वीरेन्द्र कश्यप, सांसद, मो0 बदरूददजा खान, सांसद, लखन लाल साहू, सांसद, सत्यपाल सिंह, सांसद, मुकेश राजपूत तथा सांसद, दिलीप पटेल सहित अन्य लोगों ने मुलाकात की।

राज्यपाल ने अपनी भेंटवार्ता में उपाध्यक्ष, लोकसभा को सुझाव दिया कि विद्युत समस्या को दृष्टिगत रखते हुए विद्यालय, पुस्तकालय तथा चिकित्सालय आदि के लिये सांसद निधि से जनरेटर स्वीकृत करने पर विचार किया जाना चाहिये। सांसद निधि उनके प्रयासों से शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि तत्कालीन वित्त मंत्री, श्री मधु दण्डवते के समक्ष उन्होंने प्रस्ताव रखा था जिसे बाद में स्वीकृत किया गया था। महाराष्ट्र में विधायक निधि की शुरूआत भी उन्हीं के द्वारा की गई थी। 

श्री नाईक ने बताया कि संसद में वंदेमातरम् गाये जाने तथा बम्बई का असली नाम मुंबई रखे जाने का प्रस्ताव उनके द्वारा दिया गया था। मुंबई के बाद देश के अनेक बड़े शहरों के नाम बैग्लौर से बंगलुरू, मद्रास का चेन्नई, कलकत्ता से कोलकाता आदि नाम बदले गये। अन्य प्रदेशों से आये सांसदों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और अब तक इस प्रदेश ने देश को 9 प्रधानमंत्री दिये। 

इस अवसर पर प्रमुख सचिव, डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, श्री तपन मित्रा, निदेशक, एमपी लैड्स व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।