नई दिल्ली। सांसद हेमा मालिनी के दौसा में एक्सीटेंड में 2 साल की मासूम सोनम के खोने के लिए उसके पिता हनुमान को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद हनुमान आहत हैं। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हनुमान का कहना है कि जयपुर-आगरा हाईवे पर लालसोट चौराहे पर नियमानुसार टर्न लेने से पहले न केवल उसने कार रोकी थी, 20 किलोमीटर प्रति घंटा से भी कम रफ्तार से टर्न लिया था।

हनुमान का कहना है कि उस दौरान उसके आगे एक और कार थी। दोनों ने साथ टर्न लिया था, लेकिन हाईवे पर करीब डेढ़ सौ प्रति किलोमीटर घंटे की रफ्तार की तेजी से हेमा मालिनी कार ने उनकी कार को टक्कर मारी, जबकि चौराहे पर स्पीड कम होनी चाहिए थी। हनुमान को लगता है कि अगर हेमा मालिनी की कार की स्पीड कम होती थी, तो न ये हादसा होता न वे अपनी बच्ची को खोता। उसे ये भी मलाल है कि हेमा मालिनी परिवार का हालचाल पूछने के बजाय उल्टे आरोप लगा रही है।

जयपुर के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती सोनम की मां को आज ही कुछ देर पहले बताया गया कि उनकी बेटी सोनम की हादसे में मौत हो चुकी है। उसके बाद से शिखा रो रही हैं। शिखा ने कहा कि हेमा मालिनी की वजह से उसने अपनी बेटी को खो दिया। मेरे पति की कोई गलती नहीं थी, वे कम स्पीड में टर्न ले रहे थे। शिखा का कहना है कि इतने दिन में हेमा मालिनी या उसके परिवार ने सेहत के बारे में भी नहीं पूछा जबकि उनका परिवार अस्पताल में है। सिर और पैर समेत शरीर के कई हिस्से में शिखा को गंभीर चोटें आई थी और वो अब तक आईसीयू में थी। अब उन्हें ऑब्जर्वेशन वार्ड में डाक्टरों की निगरानी में रखा गया है। यहीं उन्हें सोनम की मौत की जानकारी दी गई।

सड़क हादसे में हनुमान ने न केवल 2 साल की बेटी सोनम को खोया, खुद समेत पूरा परिवार घायल होकर अस्पताल में भर्ती है। पत्नी, बेटा, भाई की पत्नी और खुद भी अस्पताल में हैं। केवल परिवार अब मां रामपति सुरक्षित हैं। हनुमान की मां रामपति पर दोहरी मुसीबत है। रामपति ने  कहा कि उन पर तो पहाड़ टूट गया है। ऐसे में मदद के बजाय सासंद हेमा मालिनी का ये बयान घावों पर नमक छिड़कने जैसा है।