लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अवैध खनन सरकार के संरक्षण में खूब फल-फूल रहा है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने आज पत्रकारो से चर्चा करते हए कहा कि उ0प्र0 में अवैध खनन माफियाओं के सामने प्रदेश सरकार लाचार साबित हो गई है। अरबों के खनन घोटाले के आरोप वाबजूद खनन मंत्री के संरक्षण में पूरे प्रदेश में अवैध खनन पूरे जोर पर है। फतेहपुर और बांदा का बंटवारा यमुना नदी करती है और यहां कोरा कनकपुर तथा दूसरी तरफ मदनपुर में उच्चन्यायालय और नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल के आदेश को धता बताते हुए दर्जनों पोकलैड मसीने लगातार खनन कर रही है। नित्य सैकड़ो ओवर लोडेड ट्रके वे रोक-टोक इस काम में लगी है।

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि उ0प्र0 सरकार में बैठे प्रभाव शाली मंत्रियों के संरक्षण में चल रहे इस अवैध खनन पर हाथ डालने की हिम्मत जिला प्रशासन में नहीं है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2 जुलाई को भारी मसीनों से माइनिंग पर रोक के आदेश दिये थे तथा नेशनल ग्रीन ट्रिव्युनल ने नदियों के तल से बिना लाइसेंस बालू खनन पर रोक 2013 में ही लगा दिया था। परन्तु प्रदेश में बिना किसी अदेशों के अवैध खनन जारी है। 30 जून को माइनिंग बंद हो जानी चाहिए लेकिन सिर्फ चिल्ला ब्रिज से प्रत्येक दिन 500 से अधिक ओवर लोडेड ट्रक फतेहपुर में प्रवेश करते है। कुल मिलाकर 2500 गाडि़यों से केवल तीन जिलों में प्रतिदिन अवैध बालू खनन के व्यापार और चल रहा है। इस काम में मजदूर ही नहीं बल्कि मशीनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध खनन जारी है।

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना सरकारी संरक्षण और वसूली के इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन सम्भव नहीं है। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकारी मिली भगत से प्रतिमाह हजारों करोड़ से अधिक सरकारी राजस्व की क्षांति प्रदेश को हो रही है। उन्होंने राजधानी से प्रकाशित समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि प्रदेश के तीन जिले हमीरपुर फतेहपुर बांदा तथा हमीरपुर में अवैध खनन का यह नजारा है तो पूरे प्रदेश में फैले अवैध खनन से हजारों करोड़ के राजस्व की क्षति हो रही है। उन्होंने कहा कि उच्चन्यायालय एवं नेशनल ग्रीन ट्रिव्यनल के आदेशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित न कर पाना प्रदेश के सरकारी तंत्र की फल्योर है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उ0प्र0 उत्तम प्रदेश के बजाय जंगल राज की तरफ बढ़ रहा है। प्रदेश के विकास तथा गरीब जनता के हित में लगने वाला राजस्व खनन माफियाओं और सरकार में बैठे उनके आकाओ के तिजारी में जा रहा है। सरकार ने खनन लाइसेंस की अवधि को 3 वर्ष से 5 वर्ष कर खनन लूट को और बढ़ावा दिया है।