कांग्रेस पार्टी देश की जनता से सार्वजनिक माॅफी मांगे: डा.लक्ष्मीकांत बाजपेयी

लखनऊ। आपातकाल 26 जून 1975 के 40 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेश कार्यालय पर लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान समारोह आयोजित किया। सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुये केन्द्रीय मंत्री श्रीपद नाईक कहा कि 25 जून 1975 को आधी रात में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने देश में आपातकाल लागू कर समूचे विपक्ष को जेल में डाला दिया और इतना ही नही प्रेस की आजादी पर भी रोक लगा दी थी। आपातकाल पहला मौका नही था जब कंाग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की, लोकतंत्र की हत्या करना हमेशा से कांग्रेस की आदत थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने आपातकाल की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जन्म स्थाली सिताबदियारा बिहार में भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की जोकि स्वागत योग्य कदम है। प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने

कहा कि आज आपातकाल के 40 वर्ष पूरे हो रहे है। आपातकाल  लागू करने के लिए कांग्रेस पार्टी को देश की जनता से सार्वजनिक रूप से माॅफी मांगनी चाहिये। 25 जून 1975 से मार्च 1977 तक का समय लोकतंत्र के इतिहास में सबसे काला अध्याय साबित हुआ है। आपातकाल के संघर्ष को याद रखना नई पीढ़ी के लिये जरूरी है। देश को आजादी दिलाने वाले महात्मा गाँधी की परम्परा पर चलने का ढोंग कांग्रेस पार्टी करती है। देश में आंतरिक आपातकाल लागूकर लोकतंत्र की हत्या करने का काम इसी कांग्रेस पाटी ने किया है। पूर्व सांसद लालजी टण्डन ने कहा कि जनसंघ एक मात्र ऐसा संगठन था जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक राष्ट्र का पुर्नजागरण किया ऐसा माहौल तैयार किया जिससे इंन्दिरा गाँधी को आपातकाल वापस लेने पर मजबूर किया। आपातकाल के दौरान जनसंघ के कार्यकर्ता सबसे अधिक उत्पीडन का शिकार हुये।