लखनऊ: गरीबों को निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने का दावा करने वाली प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार इतनी संवेदनहीन हो गयी है कि गरीबों को और अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं न देकर लखनऊ स्थित पी0जी0आई0 में जो सुविधा मिल भी रही थी उसे दोगुना मंहगा करके गरीब जनता के साथ अन्यायपूर्ण कार्य किया है।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान मेें कहा कि आये दिन प्रदेश सरकार गरीब जनता की  गाढ़ी कमाई का करोड़ों रूपये विज्ञापनों के जरिये गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के उपलब्ध कराने का प्रचार-प्रसार करती है वहीं गरीबों को अस्पतालों में भर्ती  न करके भगा दिया जा रहा है। बहराइच के आठ वर्षीय देशराज मौर्या जामुन के पेड़ से गिरने से पिछले  आठ दिन से कोमा में हैं लगातार राजधानी के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद आज रात्रि में मेडिकल कालेज में किसी तरह भर्ती तो हुआ जहां से रात्रि में 3 बजे उसे डाक्टरों द्वारा बेड खाली करने के नाम पर जबरिया इलाज दिये बिना ही भगा दिया गया, जिसको लेकर पीडि़त परिजन बहराइच लौट गये और देशराज मौर्या अभी तक कोमा में है। यह तो मात्र एक बानगी है ऐसी हजारों घटनाएं रोजाना अखबार की सुर्खियां बन रही हैं और गरीबों का धन विज्ञापनों में पानी की तरह बहाया जा रहा है। जब राजधानी के अस्पतालों का यह हाल है तो जिलों के अस्पतालों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। 

कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश में जबसे प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आयी  है और अहमद हसन स्वास्थ्य मंत्री बने हैं तबसे स्वास्थ्य सुविधाएं पूरे प्रदेश में पूरी तरह चरमरा गयी हैं। औपचारिकता के नाम पर एकाध बार निरीक्षण करने निकले मंत्री जी के होश ठिकाने तब पड़ गये जब अस्पतालों में जनसुविधाएं भी नहीं मिलीं। इतना ही नहीं अधिकतर डाक्टर ही अस्पतालों में गैरहाजिर मिले। इसके बावजूद भी मंत्री जी ने कोई कठोर कार्यवाही न कर सिर्फ फोटो खिंचवाने में अपनी मशगूलियत दिखाते रहे। अस्पताल की व्यवस्थाएं और अधिक लुन्ज-पुन्ज हो गयीं हैं। आये दिन अस्पतालों में घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा न मिलने एवं प्रसव पीडि़ता महिलाओं को चिकित्सा न मिलने से मौतें हो रही हैं और प्रदेश सरकार गरीबों की जिन्दगियों के साथ खिलवाड़ करने में जुटी हुई है।

एक तरफ जहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है वहीं गरीब मरीज निजी अस्पतालों में चिकित्सा कराने के लिए मजबूर हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से निजी अस्पतालों की बढ़ रही निरंकुशता और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के प्रति बरती जा रही लापरवाही से आम जनमानस त्रस्त है। 

कंाग्रेस पार्टी मांग करती है कि पीजीआई में मिलने वाली चिकित्सीय सुविधाओं को मंहगा करने का निर्णय प्रदेश सरकार तुरन्त वापस ले और प्रदेश के सभी प्रमुख अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कठोर कदम उठाये।