लखनऊ। भारतीय जवानों का पराक्रम और साहस अजेय है। सैनिकों के शौर्य और पराक्रम से ही देश सुरक्षित रहता है। उक्त बाते शहीद मेजर अंशु सक्सेना के बलिदान दिवस पर कर्तव्या फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘शहीद स्मृति सभा’ मूरलीगनर में सुमंगलम परिवार के महासचिव राजकुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में कहीं। उन्होनें आगे कहा कि, राष्ट्ररक्षा में तत्परता सभी का राष्ट्रीय कर्तव्य हैं। हर व्यक्ति को अपनी सोंच बदलानी होगी। समस्याऐं रचनात्मक कार्यो से सुलझति हैं। समाज-राष्ट्र का कार्य करने के लिए प्रबल इच्छा शक्ति की जरूरत होती हैं, और इच्छा शक्ति शहीदों के पुण्य स्मरण से ही आता है।

फाउण्डेशन के अध्य्क्ष  एवं प्रसिद्ध समाज सेवी सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने स्मृति सभा की अघ्यक्षता कर  युवा पीढ़ी को देश की आशाओं का केन्द्र-बिन्दु बताते हुए अनमें देश प्रेम की भावना भरने तथा मानवता व नैतिक मुल्यों से शिक्षित करने पर जोर दिया और कहा कि हमें शहीद मंजर अन्शु सक्सेना से प्रेरणा लेकर अपने कार्य क्षेत्र में प्रमाणिकता से कार्य करते हुए समाज के लिए जीना चाहिए।   

कर्तव्या फाउण्डेशन  केमहासचिव डा हरनाम सिंह ने फाउण्डेशन के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि युवा ही राष्ट्र की रीढ़ है, युवाओं में राष्ट्रभक्ति जागृति कर ही राष्ट्र को ऊर्जावान बनाया जा सकता है।  देश के खतिर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों का सम्मान और अनके सपनों को साकार करना हम सभी का कर्तव्य  हैं। शहीद मेजर अंशू सक्सेना के जीवन का अति अल्पकाल युगों तक प्रेरणा पुंज बनकर समाज को प्रकाशित करता रहेगा।        

समाज कल्याण विभाग उ0प्र0 शासन में कार्यरत कवि विजय प्रसाद त्रिपाठी ने स्मृतिसभा का संचालन  करते हुए कहा कि –

कोई कहता तर्क और विज्ञान जिन्दगी है, कोई कहता माल-ताल-दुकान जिन्दगी है ।

चीख-चीख कर मुझसे कहता-शोणित अमर शहीदों का,विजय राष्ट्र का मान और सम्मान जिन्दगी है। 

लखनऊ विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग से पधारे डा0 रोहित मिश्र ने शहीद के प्रेमिका को देश की हालता से परिचित कराते हुए चिट्ठी लिखने के विषय में कहा कि- 

लोकशाही  में बढ़ती राजशाही लिखू या गान्धारी का बढ़ता हुआ पुत्र प्रेम लिखूं  ।

अरे इतिहास बनाती बापू की खाँसी लिखूया पहचान को तरसती भगत सिंह की फाँसी लिखू ।। 

बोल प्रिय तुझे क्या लिखु, क्या-क्या लिखूं ? 

कृष्णानन्द राय ने आवाहन करते हुए कहा कि-

देश की रक्षा करने में आंधी और तूफान बनो,दुश्मन दर पर फटक न पावे, भारत की पहचान बनो। 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कवि हरी कुमार हरी ,  नंदलाल शर्मा चंचल,,रविंद्रनाथ तिवारी ,वासुदेव  वाजपेई अनंत , अखिलेश निगम शाश्वत एवं मनुब्रत  वाजपेई   ने  अपनी कविताओ के माध्यम से श्रद्धा सुमन अर्पित किये। जिसमे समाज सेवी रूपचन्द्र अग्रवाल,  पंकज अग्रवाल, डॉ राजकुमार ,पुर्व सैनिक सेवा परिषद के वीरेन्द्र सिंह राठौर, राइजिंग इण्डिया फाउण्डेशन के डॉ मुकेश मिश्रा,रोहित सैनी, विनीत यादव, राधेश्याम शर्मा, अशोक हरजानी सहित सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजली अर्पित की।