लखनऊ । इस साल रोजेदारों के लिए रोजा किसी इम्तेहान से कम नहीं क्योंकि शदीद गर्मी पद रही है। इस बार 36 साल बाद सबसे लंबा रोजा पड़ेगा, जो कि 15 घंटे और 42 मिनट का होगा। वहीं सबसे छोटा रोजा 15 घंटे 30 मिनट का होगा।

उलमा का कहना है कि यदि 17 को रमजान का चांद निकलता है तो 18 को पहला रोजा होगा। ऐसा नहीं होने पर 19 को पहला रोजा माना जाएगा।

दारूल इफ्ता फरंगी महल चौक के मुताबिक सुन्नी मुस्लिमों के लिए पहले दिन सहरी का समय सुबह 3.23 बजे खत्म हो जाएगा, जबकि शाम 7.05 बजे इफ्तार होगा। इस दौरान 15 घंटे 42 मिनट का रोजा होगा। सबसे लंबा रोजा 11 रमजान को पड़ेगा। उस दिन सहरी 3.25 बजे होगी, जबकि इफ्तार 7.07 बजे किया जाएगा।

शिया समुदाय का रोजा 3 मिनट ज्यादा होगा। मौलाना कल्बे जवाद के मुताबिक खत्म सहर 3.30 पर होगी, जबकि रोजा इफ्तार 7.15 पर होगा। ऎसे में शिया मुस्लिम 3 मिनट ज्यादा रोजा रखेंगे। हालांकि जैसे जैसे रोजे गुजरेंगे ये वक्त कम होता जाएगा, लेकिन सुन्नी मुस्लिमों की तरह ज्यादातर रोजे लम्बे ही होंगे। सुन्नी समुदाय के मुकाबले शिया मुस्लिमों की खत्म सहरी और इफ्तार का वक्त 10.12 मिनट बाद होता है।