लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने पूछा कि जालसाजी के प्रकरण में आरोपी की जद में आये शैलेन्द्र अग्रवाल को पंचमतल पर कौन बचाने में जुटा है? प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की नीति के तहत पहले यादव सिंह और अब शैलेन्द्र अग्रवाल पर अखिलेश सरकार की मेहरबानियां जारी हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सत्ता के उच्च स्तर पर जालसाजी के इस खेल को पहले अंजाम दिलाया जाता है और अब उसके खुलासे होने पर उसे योजना पूर्वक दबाया जा रहा है। 

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर समाजवादी पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि चाहे पूर्ववर्ती बसपा सरकार के घोटाले रहे हो या अब अखिलेश सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार, जालसाजी के मामले। अखिलेश सरकार सभी मामलो को सेफ पैकेज दे भ्रष्टाचार के आरोपियों को बचाने में जुटती है। अपने चुनाव घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार के विरूद्ध आयोग बना समय बद्ध जांच कराने की बात करने वाली की सपा सरकार का आधा कार्यकाल के लगभग समाप्त हो जाने के बावजूद अभी आयोग तक तो बन नहीं सका भ्रष्टाचार के मामलों की जांच क्या करायेगें? बसपा सरकार के घोटालो का जिक्र बार-बार समाजवादी पार्टी के लोग भी करते है , लेकिन भ्रष्टाचार से जुडे़ मामलोें की जांचोपरान्त कार्यवाही से बचते है।

 उन्होने कहा माया राज में यादव सिंह पर मेहरवानियां जारी थी, अखिलेश राज में उससे बढकर मेहरवानियां हुई। आरोपी और दागदार होने के बावजूद उसे तीन-तीन अथारर्टी का कार्य दिया गया। 900 करोड़ से अधिक सम्पत्ति का खुलासा हुआ। आयकर विभाग ने छापो में करोड़ की सम्पत्तियां और नगदी बरामद की। अखिलेश सरकार यादव सिह के बचाव में उतरी। एस आई टी ने विस्तृत जांच के लिए सीबीआई से जांच किए जाने की वकालत की तो सरकार हीला हवाली करती हुई नजर आयी। यादव सिंह प्रकरण की गंम्भीरता को समझते हुए हाईकोर्ट तक को सरकार से पूछना पड़ा कि क्यों न यादव सिंह प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाय।