इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे का राग अलापा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए अपने प्रस्तावों को लागू करने का आग्रह किया है। शरीफ ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में “वॉटर फॉर लाइफ 2005-15” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से इतर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से हुई मुलाकात में यह मुद्दा उठाया।

भारत-पाक संबंधों पर बातचीत करते हुए शरीफ ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदमों में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारतीय नेतृत्व की हाल ही में की गयी टिप्पणियों को भी काफी निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने में पाकिस्तान की मदद नहीं कर रहा है।

गौरतलब है कि 2008 में मुंबई हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता रद्द कर दी थी। हालांकि शरीफ गत वर्ष नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे। तब दोनों नेता भारत और पाकिस्तान के बीच बंद वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए विदेश सचिव स्तर की बैठक करने पर राजी हुए थे, लेकिन पाकिस्तान के उच्चायुक्त की कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात के बाद मोदी सरकार ने बैठक रद्द कर दी थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास पैदा हो गयी।

शरीफ ने कहा कि कश्मीर विवाद पर उनके प्रस्तावों को लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की है। उन्होंने मून से दक्षिण एशियाई क्षेत्र में स्थायी शांति में प्रभावी भूमिका निभाने का आ±वान किया और साथ ही दुनियाभर में शांति और समृद्धि के लिए उनके प्रयासों की सराहना की।

शरीफ ने कहा कि पड़ोसी देशों से शांतिपूर्ण संबंध ही उनकी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र के साथ मजबूर और स्थिर संबंध है तथा शांति बनाए रखना ही उनकी विदेश नीति की आधारशिला है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि दुशांबे बैठक में मून ने भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया।