दोनों महान विभूतियाँ ‘साहित्य शिरोमणि’ सम्मान से सम्मानित, 21-21 लाख रु0 के चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए

‘श्रीमद्भागवत गीता चैम्पियन्स लीग’ जीतने वाली मरियम सिद्दीकी को मिला विशिष्ट सम्मान 

लखनऊ: डाॅ0 गोपाल दास ‘नीरज’ और डाॅ0 उदय प्रताप सिंह ने अपनी साहित्य सेवा से देश-दुनिया मंे जो सम्मान हासिल किया है यह उपलब्धि वह हिन्दी प्रेमियों सहित पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। 

मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज में आयोजित एक समारोह में लोकप्रिय कवि गोपाल दास ‘नीरज’ एवं वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ0 उदय प्रताप सिंह को राज्य सरकार के ‘साहित्य शिरोमणि’ सम्मान से अलंकृत करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस मौके पर पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे। सम्मान के तहत दोनांे प्रख्यात कवियों को 21-21 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। श्री यादव ने मुम्बई में आयोजित ‘श्रीमद्भागवत गीता चैम्पियन्स लीग’ में पहला स्थान प्राप्त करने वाली कक्षा 6 की छात्रा कु0 मरियम सिद्दीकी को 11 लाख रुपये का विशिष्ट सम्मान प्रदान किया। 

इस मौके पर डाॅ0 उदय प्रताप सिंह के काव्य संकलन ‘तुम्हे सोचता रहा’, ‘गीतांजलि’ का श्री शेर जंग गर्ग द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद एवं श्री सर्वेश अस्थाना द्वारा सम्पादित पत्रिका ‘साहित्यगंधा’ के प्रवेशांक का विमोचन भी सम्पन्न हुआ। 

अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीरज जी और डाॅ0 उदय प्रताप सिंह ने अपनी रचनाओं के जरिए समाज को नई दिशा दिखायी और समाजवादियों का मार्गदर्शन किया। दोनों रचनाकारों का साहित्य अत्यन्त प्रेरक एवं प्रासंगिक है। नीरज जी भाषा संस्थान के तथा डाॅ0 सिंह हिन्दी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। अपनी मेहनत और प्रयासों से इन्होंने दोनों संस्थानों को नया जीवन प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से जहां एक ओर जीवन पर्यन्त हिन्दी की सेवा करने वाले वरिष्ठ कवियों को सम्मानित किया गया, वहीं दूसरी ओर अपने शुरुआती जीवन से ही संस्कृत भाषा पर दक्षता हासिल करने वाली बालिका को प्रोत्साहित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया में अपनी उपलब्धियों से उत्तर प्रदेश का नाम रौशन करने वाली हस्तियों को सम्मानित किए जाने की शुरुआत नेताजी मुलायम सिंह यादव द्वारा की गई। इस परम्परा का पालन वर्तमान समाजवादी सरकार भी कर रही है।  

पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हिन्दी और उर्दू को बढ़ावा देने से समाज में भाईचारा बढ़ेगा और देश मजबूत होगा। समाजवादी सरकारों ने हमेशा इसे ध्यान में रखकर कार्य किया। सभी भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। नीरज जी से अपने पुराने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि साधारण परिवेश में जन्मे डाॅ0 गोपाल दास ‘नीरज’ ने अपने संघर्ष, प्रतिभा और साहित्य साधना से पूरी दुनिया में हिन्दी और देश का सम्मान बढ़ाया है। इसी प्रकार डाॅ0 उदय प्रताप सिंह ने साहित्य सृजन के साथ-साथ राजनीति के माध्यम से जनसेवा की। कु0 मरियम सिद्दीकी की उपलब्धियों की सराहना करते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि इसी तरह मेहनत, इच्छा शक्ति, दृढ़ संकल्प और साहस के साथ आने वाले समय में भी प्रयास करती रहना। 

इस अवसर पर डाॅ0 गोपाल दास ‘नीरज’ ने अपने सम्बोधन में कहा कि सन् 1941 से उन्होंने काव्य लेखन प्रारम्भ किया और 1943 में कोलकाता में आयोजित कवि सम्मेलन में मंच से अपनी रचनाओं के पाठ की शुरुआत की। तमाम सम्मान हासिल हुए लेकिन आज अपनों के बीच सम्मान प्राप्त करने पर विशेष अनुभूति हो रही है। 

डाॅ0 उदय प्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्यकारों, कलाकारों, खिलाडि़यों सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वालों का सर्वाधिक सम्मान उत्तर प्रदेश सरकार ही कर रही है। देश और समाज की उन्नति के लिए भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को न्याय, प्रतिष्ठा और रोजगार से जोड़ने की पहल मुलायम सिंह यादव ने की, जिसे वर्तमान सरकार आगे बढ़ा रही है।

कार्यक्रम में कु0 मरियम सिद्दीकी ने श्रीमद्भागवत गीता के श्लोक का पाठ किया और कौमी एकता पर आधारित शेर भी प्रस्तुत किए। कु0 सिद्दीकी ने गरीब बच्चों की मदद के लिए 11-11 हजार रुपये के दो चेक भी मुख्यमंत्री को प्रदान किए।