लखनऊ: प्रदेश के अल्पंख्यक कल्याण मंत्री आजम खां के खासमखास वसीम रिजवी मंगलवार को यहां हुए चुनाव में एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन चुन लिए गए। शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद गुट द्वारा कोई प्रत्याशी न खड़ा किए जाने की वजह से रिजवी निर्विरोध चुने गए। उनके नाम का प्रस्ताव बुक्कल नवाब ने किया।

अल्पसंख्यक विभाग के विशेष सचिव राकेश कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि अध्यक्ष के निर्वाचन में नव-गठित बोर्ड के आठ सदस्यों ने प्रतिभाग किया। जिन सदस्यों ने भाग लिया उनमें बुक्कल नवाब, सैयद वसीम रिज़वी, अशफ़ाक़ हुसैन (ज़िया), सैयद वाजिद अली (एडवोकेट), सैयद वली हैदर, कुमारी अशफां जैदी (एडवोकेट), सैयद आज़िम हुसैन तथा नजमुल हसन रिज़वी (विशेष सचिव, ऊर्जा, उ0प्र0शासन) शामिल थे

गौर तलब  है कि मौलाना कल्बे जवाद और वसीम रिज़वी ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। दोनों ही ओर से  वक़्फ़ सम्पत्तियों  को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का भीषण दौर चला। 25 मई को मौलाना कल्बे जवाद ने हज़रतगंज स्थित शाही मस्जिद पर इसी मुद्दे पर सपा सरकार को घेरते हुए भ्रष्टाचारियों का साथ देने का आरोप भी लगाया। मौलाना कल्बे जवाद ने यह भी वार्निंग दी थी कि अगर ऐसे किसी व्यक्ति को शिया वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन बनाया जाता है तो आंदोलन चलाया जायेग।