नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी सरकार के लिए सोमवार का दिन कुछ राहत लेकर आया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हेड कांस्टेबल अनिल कुमार को भ्रष्टाचार मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार की एंटी-करप्शन ब्रांच (एसीबी) के पास पुलिस कर्मी को गिरफ्तार करने का अधिकार है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने हेड कांस्टेबल अनिल कुमार की यह दलील खारिज कर दी कि उनके खिलाफ शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई के मामले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा सक्षम नहीं है या यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
अदालत ने कहा, ‘चूंकि आवदेनकर्ता एनसीटीडी के नागरिकों की सेवा कर रहा दिल्ली पुलिस का कर्मी है और दिल्ली पुलिस के कर्मियों के काम-काज मोटेतौर पर और अनिवार्य रूप से राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों से जुड़े होते हैं, मेरे विचार से भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत किसी दिल्ली पुलिस अधिकारी या कर्मी के संबंध में किसी शिकायत पर विचार करने और कार्रवाई करने और अपराध की जांच करना तथा उस पर मुकदमा चलाना राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकार क्षेत्र में है।’
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हेड कांस्टेबल कुमार को उत्तरपूर्व दिल्ली के सोनिया विहार थाने से 2 मई को गिरफ्तार किया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 14 मई को भी उच्च न्यायालय ने भी कुमार को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यक्षत्र पर सवाल खड़ा करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। कुमार को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब एक कबाड़ी ने भ्रष्टाचार निरोधी हेल्पलाइन 1033 पर शिकायत दर्ज कराई थी कुमार उनसे रिश्वत में 20 हजार रूपये मांग रहे हैं तो झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहे हैं।
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