लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स  ने भारतीय जाली मुद्रा की तस्करी में लिप्त राम मिलन को इलाहाबाद से गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से पचास हजार रुपये जाली मुद्रा बरामद की गयी है। इस गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने धंधे के अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी हासिल की है।

एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पाण्डेय ने बताया कि इलाहाबाद के मेजा थाना क्षेत्र के ऊंचडीह बाजार के राम मिलन सिंह पटेल को पांच-पांच सौ के 98 और एक हजार रुपये के एक जाली भारतीय नोट के साथ गिरफ्तार किया गया है। भारत-बंग्लादेश सीमावर्ती इलाकों से हो रही तस्करी पर अंकुश लगाने में सक्रिय एसटीएफ को राम मिलन के बारे में जानकारी मिली थी। सूचना मिली थी कि इस अवैध धंधे का नेटवर्क बंग्लादेश के गुलाबी गंज एवं संबंधित भारतीय सीमा क्षेत्र जलालपुर, मालदा, पश्चिमी बंगाल से है। रविवार को पता चला इलाहाबाद के सैदाबाद क्रासिंग पर राम मिलन भारतीय जाली मुद्रा की डिलीवरी करने आने वाला है। इस सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में राम मिलन ने बताया कि वह भारतीय जाली मुद्रा का अवैध कारोबार पिछले पांच वर्षों से कर रहा है। पश्चिम बंगाल के माल्दा निवासी हमीद को 33 हजार असली भारतीय मुद्रा देकर वह एक लाख रुपये के जाली नोट लेता है।

हमीद की ससुराल बांग्लादेश के गुलाबीगंज में है। हमीद जाली मुद्रा अपने ससुर के माध्यम से बांग्लादेश से मंगवाता है। इस काम में कालियाचक, मालदा के सत्तार व मुख्तार नाम के दो व्यक्ति उसका सहयोग करते हैं। वहां से जाली मुद्रा लाकर राम मिलन अधिकतर अपने भाई मदन को देता है। मदन विलासपुर, छत्तीसगढ़ में ट्रक ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता है। वह इस भारतीय जाली मुद्रा को ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में खपा देता हैं। अब तक मदन को पांच लाख रुपये की भारतीय जाली मुद्रा खपाने के लिए दी जा चुकी है। इलाहाबाद से मांग होने पर राम मिलन जाली मुद्रा विकास शुक्ला, अमित केसरवानी आदि को पचास हजार भारतीय मुद्रा के बदले एक लाख भारतीय जाली मुद्रा देता था। पांच माह पूर्व डेढ़ लाख भारतीय जाली मुद्रा को पीएनबी बैंक, इलाहाबाद में जमा करते समय अमित केसरवानी पकड़ा गया था। इस संबंध में कोतवाली नगर इलाहाबाद में मुकदमा पंजीकृत है।