लखनऊ। मैनपुरी के भोगांव के गांव रूई के पास 19 साल पूर्व हुई छह हत्याओं के फरार आरोपी राजभूषण सिंह को शनिवार रात एसटीएफ ने दबोच लिया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने राहत की सांस ली। 

छह सितंबर 1996 को मैनपुरी जेल में बंद पूर्व विधायक उपदेश सिंह चौहान से मिलाई करके लौट रहे छह लोगों को गांव रूई के पास वाहन पर ताबड़तोड़ फायङ्क्षरग कर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस हत्याकांड में मृतक पक्ष से बेवर निवासी रामानंद दीक्षित, आनंद, जगन्नाथ, देवेंद्र, विपिन, कौशलेंद्र, राजभूषण उर्फ आरबी सिंह, रमाकांत व बिल्लू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में पुलिस ने बाकी नामजदों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन राजभूषण तबसे फरार था। 

घटना के वक्त राजभूषण बेवर स्थित अमर शहीद इंटर कॉलेज में प्रबंधक था। मुकदमे के दौरान रामानंद दीक्षित की मौत हो गई और अदालत ने नामजद आनंद को बरी कर दिया। वर्ष 2007 में राजभूषण समेत बाकी सातों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। बाद में एक आरोपी जगन्नाथ की भी मौत हो गई थी। वर्ष 2007 पुलिस ने राजभूषण पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल की मदद भी ले रही थी। 

शनिवार रात एसटीएफ आगरा की टीम ने भोगांव क्षेत्र से राजभूषण को गिरफ्तार कर लिया। एक पैर से बचपन से ही विकलांग राजभूषण छड़ी लेकर चलता है। राजभूषण से प्रारंभिक पूछताछ के बाद एसटीएफ के उप निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि वह हत्याकांड के बाद इधर-उधर लोगों के यहां शरण लेता रहा। फरीदाबाद में उसके भाई की फैक्ट्री है। गाजियाबाद, नई दिल्ली, फरीदाबाद, मुंबई, भोपाल और गुजरात के राजकोट में वह इधर-उधर पुलिस से छिपता रहा। वर्ष 2002 में नेपाल चला गया। काठमांडू में खाने-पीने की वस्तुएं बेचता रहा। वर्ष 2014 में राजभूषण भारत लौट आया और फिर फरीदाबाद व आसपास के इलाकों में छिपता रहा। एसपी उदयशंकर जायसवाल ने बताया कि पुलिस को सालों से राजभूषण की तलाश थी।