लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लाखों युवाओं सपनों पर कुठाराघात करने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन अनिल यादव में क्या खूबियां दिख रही हैं ? दो वर्ष से कुछ ज्यादा के अपने कार्यकाल में अनिल यादव ने लोक सेवा आयोग जैसी सम्मानित और निष्पक्ष संस्था का पूरी तरह से मानमर्दन कर दिया है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार ने एक बड़े षडयंत्र के तहत अनिल यादव को सदस्य के तौर पर उनका कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी थी। सदस्य के तौर पर भी इनका छह साल का कार्यकाल बेहद विवादों से भरा हुआ था। चेयरमैन के तौर पर भी उन्होंने भ्रष्टाचार के बड़े कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अनिल यादव ने सपा सरकार के साथ पूरी वफादारी निभाते हुए एक खास वर्ग और क्षेत्र के अभ्यर्थियों को जमकर फायदा पहुंचाया है। साक्षात्कार पैनल, प्रश्नपत्र सेटिंग, मूल्यांकन में भी नियमों को दरकिनार कर सपा सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप इनपर है। इसके चलते इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ज्यादातर वरिष्ठ शिक्षिकों ने आयोग के साक्षात्कार पैनल में शामिल होने और मूल्यांकन से मना कर दिया है। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अनिल यादव के नेतृत्व में आयोग की कोई भी चयन प्रक्रिया बगैर विवादों के संपन्न नहीं हो पाई है। यादव की कारगुजारियों ने लाखों युवाओं को भविष्य चौपट कर दिया है। इनके खिलाफ युवा आंदोलनरत हैं लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने इस ‘दुलारे’ चेयरमैन पर मेहरबान बने हुए हैं। इस बात की पूरी आशंका है कि आयोग की भर्तियों में चयन का भ्रष्टतम तरीका अपना कर समाजवादी पार्टी का ‘टारगेट’ पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनिल यादव को पूरी छूट दे रखी है।