25 मई को सरकार की अल्पसंख्यक दुश्मनी के खिलाफ होगा प्रदर्शन 

लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड की जारी की गई सूची पर आपत्ति जताते हुए मजलिसे उल्माये हिन्द के महासचिव इमाम जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने कहा कि सूची में जिनके नाम आए हैं वे अधिक विश्वसनीय नहीं हैं, सरकार ऐसे ही लोगो को वक्फ बोर्ड में लाना चाहती है जो वक्फ की रक्षा और विकास के लिए कुछ काम न कर सकें क्योंकि ज़्यादा वक्फ की जमीनों पर सरकार के ही कब्जे है ।हमेशा सरकारों की यही नीति रही है कि वक्फ को नष्ट किया जाए और मुसलमान हमेशा उनके गुलाम बने रहें ।मौलाना ने कहा कि सरकार की साज़िशों के आधार पर बंगाल, बिहार पंजाब और दूसरे राज्यों की वक्फ सम्पत्तिया  लगभग समाप्त हो चुकी हैं .पंजाब में 500 से अधिक शिया वक्फ थे मगर आज एक भी नहीं है।

मौलाना ने कहा कि हाशिमपुरा के इन्साफ के लिए सरकार ने कहा है के हम उनके साथ है ये धोखा है क्योंके जिन लोगों ने हाशिमपुरा में गोली चलाई थी उसका हेड एक यादव था जिसे अपराध में शामिल होने के बाद भी तरक्की दी गई और अब वह आईजी की पोस्ट से रिटायर हुआ इस लिये इनसे कोई उम्मीद रखना खुद को धोखे मैं रखने जैसा है। यह सरकार का व्यवहार है कि जो मुसलमानों का नरसंहार करे उसका विकास किया जाए .सरकार कुछ खरीदे हुए लोगों द्वारा मुसलमानों को गुमराह करती है। मौलाना ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि मुजफ्फर नगर दंगा पीड़ितों के शिविरों पर जब बुलडोजर चलाए गए उधर मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाया जा रहा था जिस पर अरबों रुपये खर्च किए गए क्या ये पैसा मुजफ्फर नगर पीड़ितों पर खर्च नहीं किया जा सकता था। सैफ़ई में महिलाओं के डांस पर करोड़ों खर्च किए गए लेकिन दंगे में मरने वालों और शरणार्थियों की कोई मदद नहीं की गई ।

मौलाना ने कहा कि यह सरकार दरअसल मुसलमानों को छोटा और तुच्छ समझ रही है उसने कुछ मुसलमान खरीद लिए हैं जो उसका गुणगान करते रहते हैं। इस सरकार ने मुसलमानों और विशेषकर शियों के लिए कुछ नहीं किया है लिहाजा अब हमारा मिल्ली कर्तव्य है कि 25 मई को शााम में 5 बजे शाही मस्जिद हजरत गंज पहुंच कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की वसूली के लिए आवाज उठाएं क्योंकि जब तक हम एकजुट नहीं होंगे सरकारें हमारा अधिकार नहीं देगी।