लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा विश्व शुद्र महासभा की एक बैठक महासभा कार्यालय पर शिवनारायण कुशवाहा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक को सम्बोधित करते हुए एहसानुलहक मलिक राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा महासभा ने कहा कि पिछड़ो, दलितों, मुस्लिमों, ईसाईयों व आदिवासियों के साथ 68 वर्षो से नाइन्साफी ही नही हो रही है बल्कि इनका कत्ले आम, उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार, भेदभाव सामाजिक तिरस्कार व इलाके के इलाके इस इसलिये जलवाये जाते है कि यह वांचित समाज अपने मौलिक अधिकारों को ना मांगे हर तरह की समस्याओं को खड़ा कर उनको आगे बढ़ने से रोका जाता है। इस तरह की घिनौनी हरकते करके शासक बन अपनी सत्ता को कब तब बरकरार रखेगा। हर जुल्म और नाइन्साफी के विरोध में देश की जनता को अब सडकों पर आने से कोई भी ताकत रोक नही सकती। नाइन्साफी की सीमा अब हद से ज्यादा पार कर चुकी है। अब जुल्म और नाइन्साफी मिट कर ही रहेगी। महासभा नाइन्साफी और जुल्म के विरोध में व हिस्सेदारी दिये जाने के लिये पूरे देश में अभियान चलायेगी।

बैठक को सम्बोधित करते हुए चैधरी जगदीश पटेल अध्यक्ष विश्व शुद्र महासभा ने कहा कि शासक वर्ग कभी जात-पात के नाम पर, कभी हिन्दू, मुस्लिम के नाम पर, कभी दलित के नाम पर वंचित समाज को लड़वा करके अपनी सत्ता बरकरार रखना चाहता है। इतिहास साक्षी है जिन-जिन देशों में जनता के साथ नाइन्साफी हुई है वहाँ की जनता ने शासक वर्ग को उखाड़ ही नही फेका है बल्कि उनका नामों निशान मिटा दिया है। केन्द्र व राज्य सरकारे समय से सबक नही लेती हर व्यक्ति को इंसाफ नही देती और उसकी हिस्सेदारी नही देती तो देश में भी आर्थिक और सामाजिक क्रान्ति को अब रोका नही जा सकता। 

बैठक को सम्बोधित करते हुए शिवनारायण कुशवाहा ने कहा इस में देश में माओ व लेलिन, भगत सिंह, अशफाक उल्ला जैसे क्रान्तिकारी लोगों की आवश्यकता है। बहुत ही जल्द देश में कोई ऐसा व्यक्ति निकल कर अपने वाला है जो शासक वर्ग की नीतियों को उखाड फेकेगा और एक नये भारत का निर्माण करेगा जहाँ सबको सामान अधिकार प्राप्त होंगे। कुशवाहा ने यह भी कहा! कि देश की न्यायपालिका शासक वर्ग का खिलौना बनी हुई है, कुछ ईमानदार न्यायमूर्तियों ने न्यायपालिका में हो रहे भ्रष्टाचार को लगातार उजागर कर रहें है। इन न्यायमूर्तियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि गरीबों को न्यायपालिका से न्याय नही मिलता।

बैठक को सम्बोधित करते हुए हरिनाम गौतम ने कहा कि देश की कुल राष्ट्रीय सम्पत्ति व सत्ता में मात्र 10 प्रतिशत लोगों का ही कब्जा है और वह इस कब्जे को छोड़ना नही चाहते अब देश के वंचित समाज के लोग अपनी हिस्सेदारी जो शांतिपूर्ण ढ़ग से मांग कर रहें है लेकिन सरकार की उपेक्षा पूर्ण रवैये के कारण अब वो अपनी हिस्सेदारी लेने के लिये कठोर से कठोर कदम उठाने के लिये तैयार है। उन्होंने दलित समाज पे हो रहे अत्याचार पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पिछड़ो, दलितों, मुस्लिमों ईसाईयों, आदिवासियों को एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की।

बैठक को सम्बोधित करते हुए कृपा शंकर सविता ने कहा कि पिछड़ो, दलितों, मुस्लिमों, ईसाईयों, आदिवासियों को उनकी आबादी (जातिवार) के अनुपात हर स्तर पर हिस्सेदारी संविधान की धारा 341 पर से धार्मिक प्रतिबंध हटाये जाने पिछड़ो व दलितों को प्रोन्नति में आरक्षण दिये जाने आदि मांगों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए देश की जनता से अपील की वो अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर संगठित होकर पूरे देश में एक बड़े आन्दोलन करने के लिये तैयार रहें। निकट भविष्य में महासभा पूरे देश में वांचित समाज को उनके अधिकार दिलाने के लिये एक जन आदोलन खड़ा करेंगी। बैठक को सम्बोधित करने वाले चैधरी रमेश चन्द्र, महेश कुमार, आर0डी0 मौर्या, मो0 रजां इरशाद सफारी, लालता प्रसाद मौर्य, सुनिल यादव आदि मौजूद थे।