चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने पीजीआई एमएस रोहतक में दान की गई आंखें कूड़ेदान में मिलने के मामले की दोबारा जांच किए जाने के आदेश दिए हैं। यह जांच चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सचिव प्रदीप कासनी करेंगे। हालांकि इस मामले की जांच पहले भी हो चुकी है, लेकिन इस जांच में कई खामियां होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री ने फिर से जांच के आदेश जारी किए हैं।

लोकसभा सत्र के दौरान हिसार से इनेलो सांसद दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा में यह मामला उठाते हुए कहा था कि पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक समेत हरियाणा के अन्य वरिष्ठ चिकित्सा संस्थानों में लोगों द्वारा आंखें दान की जाती है। लोगों द्वारा दान की गई आंखों का सही समय में इस्तेमाल न किए जाने के कारण चिकित्सकों द्वारा आंखों को कूड़ेदान में फैंक दिया गया। चौटाला ने लोकसभा में दावा किया था कि पीजीआई प्रबंधन ने पूर्व समय के दौरान ऐसी करीब दो हजार आंखों को इस्तेमाल किए बगैर ही कूड़ेदान में फैंक दिया गया।

केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार को इस मामले में कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। इसके बाद यह मामला हरियाणा विधानसभा में भी उठा। जिसके चलते हरियाणा सरकार ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सचिव प्रदीप कासनी को जांच के आदेश दिए थे। कासनी ने इस कार्य के लिए तीन चिकित्सकों की एक कमेटी का गठन किया। हालही में इस टीम ने एक रिपोर्ट सरकार को दी है। जिस पर सरकार संतुष्ट नहीं है।