नई दिल्ली : नेट न्यूट्रैलिटी या इंटरनेट निष्पक्षता पर छिड़ी बहस के बीच दूरसंचार कंपनियों ने इंटरनेट की कीमतों में 6 गुना तक बढ़ोतरी की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर उन्हें नेट आधारित सेवाओं के साथ समान स्तर का मौका नहीं मिलेगा तो उनका कारोबार व्यावहारिक नहीं रहेगा।

ऑपरेटरों की संस्था ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी सूरत में कंपनियों को इंटरनेट डाटा की कीमतों को 6 गुना तक बढ़ाना पड़ सकता है। उधर, नेट न्यूट्रैलिटी के समर्थन में चेन्नई, बेंगलुरू में बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रदर्शन किया है। मोबाइल कंपनियों ने भी इंटरनेट निष्पक्षता का समर्थन किया है। दूरसंचार विभाग ने 27 अप्रैल को इस मामले में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।

दूरसंचार विभाग ने समूह के सदस्यों को इस बारे में एक परिपत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि दूरसंचार विभाग ने नेट निरपेक्षता के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए समिति गठित की है। ‘समिति ने एमएजी के प्रतिनिधियों से बातचीत का फैसला किया है। इसीलिए 27 अप्रैल को बैठक बुलाई गई है। उल्लेखनीय है कि एमएजी का गठन फरवरी 2014 में इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी विभाग ने किया था। इसके 39 सदस्यों में सरकार, उद्योग, अकादमिक व नागरिक अधिकार समूहों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

कंपनियों ने ऐलान किया है कि वे इंटरनेट सेवाओं का विस्तार उन एक अरब लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनकी पहुंच अभी इंटरनेट तक नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने एक मंच ‘सबका इंटरनेट, सबका विकास’ की शुरूआत की है। इसके तहत इंटरनेट के विस्तार के लिए निवेश बढ़ाने की बात भी कही गई है। लेकिन नेट न्यूट्रैलिटी पर उठे विवाद को देखते हुए कंपनियां अब लामबंद हो रही हैं।