लखनऊ। “प्रदेश और केन्द्र सरकार की संवेदनहीनता के कारण ही फसल बर्बादी का दंश झेल रहा किसान हर दिन मौत का शिकार हो रहा है” यह बात आज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही। पत्रकारों से मुखातिब होते हुये उन्होंने कहा कि पूरे सूबे में 50 से 70 फीसदी अरबों रूपये की रबी की फसले बर्बाद हो गयी परन्तु सरकारों द्वारा आपदा राहत के नाम पर सुस्ती दिखाई जा रही है केन्द्र सरकार द्वारा 13,500 रूपये प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि की गयी उतनी ही मुआवजा राशि प्रदेश सरकार को आपदा गाइडलाइन जारी करनी चाहिए जो अब तक नहीं की और न ही कोई निर्देश दिया है जिससे किसानों को 27000 रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान हो सके परन्तु सरकार अपना पल्ला झाड़ते हुये किसानों को उनकी हालत पर छोड़ दिया है।

चैहान ने प्रदेश  सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुये कहा कि राजस्व विभाग के सरकारी अभिलेखों में खसरा के हिसाब से किस गाटा संख्या में क्या फसल बोयी है इसका उल्लेख होता है और क्रोप कटिंग के जरिए प्रति बीघा का औसत निकाल लिया जाता है परन्तु प्रदेश सरकार द्वारा बर्बाद फसल के आंकलन के लिए बनायी गयी सर्वे टीम अपने मनमाने तरीके से सपा नेताओं के यहां या फिर प्रधान पद के दावेदारों के यहां बैठकर सर्वे के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करके किसानों 100-200 रूपये के चेक देकर उनका उपहास कर रही है और प्रमुख सचिव से लेकर लेखपाल तक फसल बर्बादी आंकलन के फर्जी आकड़ों मे उलझे हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि गांवों में किसानों के प्रतिनिधित्व में सार्वजनिक स्थानों पर चौपाल लगाकर, वीडियोंग्राफी के माध्यम से सर्वे कराये जिससे सही रिपोर्ट तैयार हो सके। 

चौहान ने कहा कि सरकार सिर्फ बहानेबाजी कर रही है किसानों को राहत पहुंचाने के लिए टी0आर0-27 के तहत प्रदेश सरकार जिलाधिकारी को निर्देश क्यों नहीं देती जिससे किसान राहत महसूस कर सके इतना ही नहीं मथुरा जनपद के छाता तहसील के चोमा ब्लाक में पूरा भुगतान होना चाहिए था वहां भी अपने मनमाने तरीके से बिना दिनांकित के चेक बांट दिये जिसे बैंको ने अस्वीकार कर दिया जिससे साबित होता है कि सरकार किसानों के जख्म को कुरेदने पर लगी है। सर्वै के दौरान सरकार को ऐसी प्रक्रिया लागू करनी चाहिए चाहिए कि किसानों ने किसान क्रेटिड कार्ड पर कितना कर्जा लिया तथा फसल बीमा योजना के तहत उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है कि नहीं इसका भी लेखा जोखा रखे और इसके लिए बीमा कम्पनियों को भी सम्पर्क में रखे। किसानों को रबी की फसल का कर्जा चाहे व बैंक का हो या किसी भी वित्तीय संस्था का माफ किया जाए साथ ही 6 माह का विद्युत बिल भी माफ किया जाएं तथा किसानों से सभी प्रकार की वसूली बंद की जाए। बटाई या कान्ट्रेक्ट की खेती का आकंलन सरकार कैसे करेगी इसका भी सरकार को जिक्र करना चाहिए।