विद्युत नियामक आयोग ने रेग्युलेटरी सरचार्ज में की कटौती 

लखनऊ: पश्चिमांचल को छोड़कर पूरे प्रदेश में घरेलू और किसानों की बिजली सस्ती हो गई है। बिजली बिल पर लगने वाले रेग्युलेटरी सरचार्ज में विद्युत नियामक आयोग ने कटौती कर दी है।

लखनऊ, वाराणसी, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गोरखपुर, अलीगढ़ सरीखे महानगरों समेत प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल में सीधे राहत मिलने जा रही है। रेग्युलेटरी सरचार्ज में कटौती 1 अप्रैल से लागू कर दी गई है।

विद्युत नियामक आयोग ने रेग्युलेटरी सरचार्ज में यह कटौती पिछले साल जारी बिजली टैरिफ में लागू परफॉरमेंस शर्तों के आधार पर की गई है। लाइन लॉस कम करने का तय लक्ष्य पूरा करने में नाकाम रही बिजली कंपनियों को जुर्माने के तौर पर अब तक वसूले जा रहे 2.84 फीसदी रेग्युलेटरी सरचार्ज में अलग-अलग दर पर कटौती की गई है। पश्चिमांचल के जिलों में लाइन लॉस का निर्धारित लक्ष्य पूरा हो जाने के कारण कंपनी के सरचार्ज में कोई कटौती नहीं की गई है। इसके चलते एनसीआर समेत मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर सरीखे जिलों में उपभोक्ताओं के बिजली बिल में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

एक हजार के बिल पर लगभग 22 रुपये तक कमी: रेग्युलेटरी सरचार्ज में कटौती का सबसे ज्यादा फायदा मध्यांचल के उपभोक्ताओं को मिलने जा रहा है। मध्यांचल में 2.84 फीसदी रेग्युलेटरी सरचार्ज की जगह अब केवल 0.73 फीसदी रेग्युलेटरी सरचार्ज बिजली बिल पर वसूल किया जा सकेगा। यानी 1 हजार रुपये के बिल पर उपभोक्ताओं को लगभग 22 रुपये के रेग्युलेटरी सरचार्ज देने से राहत मिलेगी।

पूर्वांचल के उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर अब केवल 1.03 फीसदी रेग्युलेटरी सरचार्ज ही देना होगा। इसी तरह दक्षिणांचल में 1.70 फीसदी रेग्युलेटरी सरचार्ज में कटौती की गई है। दक्षिणांचल के उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर 2.84 के बजाय अब केवल 1.14 फीसदी सरचार्ज देना होगा। सरचार्ज में कटौती से प्रदेश के 1 करोड़ 39 लाख उपभोक्ताओं को बिल पर 115 करोड़ रुपये का सीधा लाभ होगा।