नई दिल्ली: तीन दिन में यह दूसरी बार है जब राहुल गांधी ने संसद में बोला हो और वह भी अपनी बात बेहद मजबूती से रखी हो। इसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता कि वह दोनों ही बार अपनी बातों से साफ मेसेज दे रहे हैं कि मोदी सरकार को अब वह चैन की सांस नहीं लेने देने देंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इंटरनेट निरपेक्षता पर सरकार को घेरते हुए यह संकेत दिए कि वह छोटे कदमों के जरिए कुछ बड़ा हासिल कर सकते हैं। गोर्बाचोव, ओबामा और पीएम मोदी की प्रशंसा नेट निरपेक्षता के मुद्दे के बहाने करने का भी अपना एक अलग मकसद था उनका।

लैंड बिल के मसले पर पीएम मोदी को आड़े हाथों लेकर उन्होंने कहा था कि यह सरकार उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है और किसानों से जमीन लेकर उद्योगपतियों का कर्ज चुकाया जाना है। अब जब आज उन्होंने नेट निरपेक्षता का मुद्दा सदन में उठाया तब भी उन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों के हित में काम करने की बात कही।

राहुल ने नेट न्यूट्रैलिटी पर कहा कि मोदीजी को इंटरनेट पर युवाओं की ओर से खूब सपोर्ट मिला है और ऐसे में मुझे लगा था कि मोदीजी युवाओं के हितों की रक्षा करेंगे। राहुल ने यह भी कहा कि मनरेगा की तो सभी बात करते हैं लेकिन नेट न्यूट्रैलिटी की बात कोई नहीं करता और यह एक जटिल विषय है।

राहुल ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कह दिया कि ओबामा जी ने पीएम मोदी की प्रशंसा की है और उन पर लम्बा आर्टिकल लिखा है। दुनिया के सबसे बड़े उद्योग अमेरिका में हैं और 60 साल में शायद पहली बार उन्होंने किसी की ऐसी प्रशंसा की है।

राहुल गांधी ने कहा कि गोर्बाचोव की प्रशंसा ओबामा करते थे। इशारे इशारो में राहुल गांधी कह गए कि गोर्बाचोव की प्रशंसा के बाद किसी देश के पीएम या सर्वोच्च नेता की तारीफ करने के मायने आखिर हैं क्या।

बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह कहा, ‘मैं ओबामा द्वारा मोदी की तारीफ़ की बात करके यह कहना चाह रहा था कि अमेरिका गोर्वाचोव की भी तारीफ़ करता था और स्तालिन की भी कि उनकी नीति अमेरिका के हित की थी,रूस में प्राइवेटाइजेशन की थी और तब रूस विखंडन की तरफ़ बढ़ रहा था।’

इसके बाद, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार किसी कॉरपोरेट के दबाव में नहीं है। पीएम मोदी खुद डिजिटल इंडिया पर जोर दे रहे हैं। नेट न्‍यूट्रेलिटी पर सरकार गंभीर है। सरकार सभी लोगों के पास नेट की सुविधा चाहती है। सरकार ने जनवरी महीने में इस संबंध में एक कमेटी बनाई है।

गौर हो कि इंटरनेट निरपेक्षता के मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल स्थगित कर इस बारे में तत्काल चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। लोकसभा में सोमवार को इंटरनेट की निरपेक्षता को सुनिश्चित करने की जोरदार वकालत की गई थी और ट्राई द्वारा हाल में लाये गये परामर्श पत्र को खारिज किये जाने की मांग की गई थी।

माकपा के एमबी राजेश ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए आरोप लगाया था कि ट्राई द्वारा लाया गया परामर्श पत्र दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की ओर से नेट निरपेक्षता पर आघात का खुला समर्थन करता है।