लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) यशस्वी यादव की कथित काबिलियत एक बार फिर जाहिर हो गई है। गौरी हत्याकांड में बेगुनाह अनुज को जेल भेजने की साजिश रचने वाले वाले यशस्वी यादव को सपा सरकार फौरन निलंबित कर इनके द्वारा पूर्व में किए गए सभी खुलासों की निष्पक्ष जांच करवाए। 

प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारो से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि यशस्वी यादव की सरपरस्ती में पुलिस के शिकार और कई बेगुनाह लोगों को राहत मिल सकेगी। बेवजह 66 दिन जेल में बिताने वाले अनुज और उसके परिवार की जो सामाजिक और मानसिक हानि हुई है उसके जिम्मेदारों को चिन्हित कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनपर सख्त कार्रवाई करानी चाहिए। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इतना ही नहीं गौरी हत्याकांड की भी जांच सीबीआई को ही सौंप देनी चाहिए ताकि इसके सच पर से पर्दा उठ सके। अपराधियों को प्रश्रय देने वाले यशस्वी यादव बेगुनाह लोगों को जेल भेजकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। यही वजह है कि इनके आने के बाद लखनऊ में अचानक अपराध का ग्राफ काफी बढ़ गया है। दिखावे के लिए यशस्वी यादव आपराधिक मामलों को गलत ढंग से खोल कर अपराधियों को बचाने में जुटे हैं। 

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश के सबसे विवादास्पद पुलिस अधिकारी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संरक्षण सपा सरकार की नीयत स्पष्ट कर रहा है। अब यह जाहिर है कि सरकार ने एक सोची समझ्ी रणनीति के तहत यशस्वी यादव को लखनऊ पुलिस की कमान सौंपी है ताकि यहां अपराधियों को संरक्षण दिया जा सके। इसी रणनीति के तहत लखनऊ के काबिल एसएसपी निर्दोष लोगों को फंसा रहे हैं और अपराधियों पर कोई आंच नहीं आने दे रहे। इससे पूरे जिले के लोगों में भय व्यापत है। कब कौन इनका शिकार बन जाए इसी आशंका में लखनऊ वासी सहमे हुए हैं।