नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के मदर टेरेसा पर सवाल उठाए जाने के बाद अब महासचिव भैयाजी जोशी ने टेरेसा को निशाने पर लिया है। मंगलवार को अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जोशी ने कहाकि, भीमराव अंबेडकर से 10 साल पहले मदर टेरेसा को भारत रत्न दे दिया गया। यह चिंता का विषय है। इससे पहले कुछ दिनों पहले मोहन भागवत ने राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था कि मदर टेरेसा का गरीबों की सेवा के पीछे धर्मातरण का मकसद था।

जोशी ने अंबेडकर की आरएसएस संस्थापक केबी हेगडेवार से तुलना करते हुए जोशी ने कहाकि, हिंदुओं में अस्पृश्यता और जातिभेद पर अंबेडकर द्वारा उठाए गए मुद्दों को हेगडेवार ने भी उठाने का प्रयास किया था। अंबेडकर ने एक ऎसे देश का सपना देखा था जिसमें एक समान हो। कार्यक्रम के दौरान अंबेडकर के जीवन पर बनाई गई शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। इस फिल्म में केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और थावर चंद गहलोत के संदेश भी दिखाए गए।

वहीं आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहाकि,” पांचजन्य और ऑर्गेनाइजर ने हमेशा अंबेडकर के विचारों पर लेख प्रकाशित किए हैं। बाबा सबके हैं। यदि वे एक बड़े पेड़ होेते तो उनकी छाया सबको मिलती।” उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि चुनावों को देखते हुए भाजपा और आरएसएस अंबेडकर की प्रशंसा कर रहे हैं। अंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रकाशित आरएसएस के मुखपत्र में अंबेडकर से जुड़े कई लेख प्रकाशित किए गए।

इन लेखों में बताया गया कि अंबेडकर और आरएसएस की विचारधारा समान थी। बीआर इदते ने लिखा कि, बाबासाहेब एक बार आरएसएस कैंप में आए भी थे। इस दौरान उन्होंने पाया कि यहां पर किसी तरह का जातिगत भेदभाव नहीं था। उनके मन में आरएसएस को लेकर गहरी उत्सुकता और सम्मान था।