लखनऊ: राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ के प्रगंण में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अधिकारियों को ईमानदारी से उदारतापूर्वक किसानों के हुए नुकसान का आकलन करके राहत पहुंचाने और मुआवजा देने का निर्देश दिया हैं। उन्होंने कहा है कि इस कार्य में विलम्ब करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेंगे। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिए पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है। श्री यादव ने केन्द्र सरकार के संवेदनहीन रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र पर काबिज मोदी सरकार किसान विरोधी और संवेदनहीन हैं। आपदा जैसे संवेदनशील और मानवीय मामलों में भी उसका व्यवहार सौतेला हैै, जितनी राहत-राशि मांगी जाती है केन्द्र सरकार उसके मुकाबले बहुत कम भेजती हैं।

श्री यादव ने कहा कि  फरवरी, मार्च 2014 में ओलावृष्टि किसानों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 मई 2014 को रु 365.28 करोड़ धनराशि की माॅग की थी परन्तु भारत सरकार से 13 जनवरी 2015 को स्वीकृति रु 32.00 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सूखा 2014 के लिए 25 नवम्बर 2014 को केन्द्र सरकार से 4794.89 करोड़ धनराशि की माॅग की गयी। भारत सरकार से 23 जनवरी 2015 को स्वीकृति रु 490.28 करोड़ प्राप्त हुई। बाढ़ 2014 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 नवम्बर 2014 को धनराशि की माॅग रु 768.92 करोड़ की और 31 मार्च 2015 को भारत सरकार से धनराशि की स्वीकृति रु 58.30 करोड़ की प्राप्त हुई। 

फरवरी/मार्च 2015 में हुई ओलावृष्टि के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 मार्च 2015 को रु 500.00 करोड़ धनराशि की माॅग की पुनः 13 अप्रैल 2015 को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा भी प्रधानमंत्री जी से रु0 1000.00 करोड़ की माॅग की गयी है। लेकिन भारत सरकार से अभी तक कोई भी धनराशि नही प्राप्त हुई है। प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से कोई धनराशि प्राप्त नही होने के बावजूद भी रु 1087 करोड़ की धनराशि जनपदों में आवंटित कर दी है जिसमें रु 318 करोड़ का वितरण किया जा चुका है जिससे 8 लाख 20 हजार किसानों को धनराशि प्राप्त हो चुकी हैं।