पटना : भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर विरोधियों के हमले के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भरोसा दिलाया कि अधिगृहीत की गई एक इंच भी जमीन कारपोरेट हाउसों के पास जाने वाली नहीं है और इस भूमि का उपयोग गांवों की बेहतरी के लिए किया जायेगा।

शाह ने कहा, ‘‘भूमि अधिग्रहण बिल के बारे में बहुत ही भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि वह पूंजीपतियों के लिए है। मैं भाजपा कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि इस बिल के जरिए एक इंच भी जमीन किसी भी कारपोरेट घराने के पास जाने वाली नहीं है। यह जमीन गांव के विकास के लिए ली जाएगी और किसानों के खेत में पानी पहुंचाने के लिए ली जाएगी।’’

शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बिहार की 12 चीनी मिलों की भूमि अधिगृहीत की गयी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने ‘दोस्तों’ और ‘मंत्रियों के परिवार वालों’ को जमीन देने का काम किसने किया है। कितनी रेल और सडक योजनाएं अटकी हुई हैं। बिहार का विकास रोकने का काम नीतीश सरकार ने किया है और भाजपा पर आरोप लगा रही है।’’ बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आज बिगुल फूंकते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता भूमि विधेयक पर ‘विपक्ष के भ्रामक प्रचार’ का जवाब हर गांव में हर किसान को दें।

बाबा साहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर पटना के गांधी मैदान में आयोजित भाजपा ‘कार्यकर्ता समागम’ को संबोधित करते पार्टी के शीर्ष नेताओं ने नीतीश और लालू पर प्रहार करते हुए दावा किया कि भाजपा को प्रदेश में सत्ता में आने से रोकने के लिए पुराने जनता परिवार का विलय बेकार साबित होगा।

शाह ने दावा किया, ‘‘चाहे ‘महागठबंधन’ हो या ‘महाविलय’ हो बिहार में अगली सरकार भाजपा की बनने वाली है। मैं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से भी कहना चाहता हूं कि शून्य का शून्य से योग करने पर शून्य ही हाथ आता है, जितने भी गठबंधन कर लो बिहार में सरकार भाजपा की ही बनेगी।’’ शाह ने पिछले लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में एक परिवर्तन की आंधी इसी गांधी मैदान से शुरू हुई थी और देश में पूर्ण बहुमत की भाजपा की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी जिसने देश और दुनिया में भारत को सबसे उंचे स्थान पर बिठाने का काम किया।