लखनऊ: केन्द्रीय सिंह सभा गुरूद्वारा आलमबाग में तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी पंजाब से आयी टीम ने धार्मिक नाटक सिंह सूरमे का मंचन किया। जिसमें सिक्ख इतिहास की प्रमुख धटना को पेश किया गया। जब 18वी शताब्दी (1740) मसा रंजण द्वारा श्री दरबार साहिब अमृतसर में दरबार साहिब को नुकसान पहुचाने लगा एवं दरबार साहिब की पविख्ता एवं मर्यादा भंग करने लगा। जब इस बात का पता राजस्थान के सिक्खो को लगा। तब बिकानेर से आये 2 सिक्ख सुक्खा सिंह और मेहताब सिंह ने मसा रंजण का सिर काटा और उसका कटा सिर लेकर राजस्थान वापिस चले गये एवं दरबार साहिब की मर्यादा भंग करने का बदला लिया।

एक धार्मिक ॅिफल्म भी दिखाई गई, शमशेर खालसा फिल्म में इन सभी कलाकारो ने काम किया है।

महान कलाकार स. मंजीत सिंह, स अमरीक सिंह, स. हरप्रीत सिंह, स. गुरदेव सिंह, स. शिवेन्दर सिंह, स. गुरप्रीत सिंह जलजल, स. मंगल सिंह, स. हरजिन्दर सिंह, स. सरबजीत सिंह आदि द्वारा सिक्ख पंथ के महान सूरमो की कुर्बानियों को नाटक एवं फिल्म द्वारा प्रदर्शित किया।

आज के कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग श्री अरविन्द कुमार जी ने हिस्सा लिया। कानपुर गुरूद्वारा कमेटी के हरमहिन्दर सिंह लार्ड एवं रायबरेली गुरूद्वारा प्रबधंक कमेटी के प्रधान अवतार सिंह छाबढा ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

अन्त में गुरू का अतुट लगंर वितरित किया गया।

कार्यक्रम के सही तरीेके से सम्पन्न होने पर गुरूद्वारा कमेटी जिसमें कि जोगिन्दर सिंह, करमजीत सिंह, निर्मल सिंह, त्रिलोचन सिंह, कृपाल सिंह, रतपाल सिंह गोल्डी, हरजीत सिंह, जसविन्दर सिंह विन्कल, राजवीर सिंह कल्सी, जसबीर सिंह राजू, गुरमीत सिंह गांधी, हरमहिन्दर सिंह, राजेन्दर सिंह राज, प्रभुजोत सिंह, तरनजीत सिंह, रविन्दर सिंह, लखविन्दर सिंह, जसविन्दर सिंह, भूपिन्दर सिंह पिन्दा, चरनजीत सिंह चन्ना, मनमोहन सिंह मोणा, कृपाल सिंह एवं अन्य गणमान्य सज्जनों ने धन्यवाद किया।