भावनगर। गुजरात के भावनगर में हिंदूवादी संगठनों के चलते एक मुस्लिम बिजनेसमैन के घर बेचने की घटना सामने आई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार विश्व हिंदू परिषद्(विहिप) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के चलते स्क्रेप व्यापारी अलीअसगर जावेरी को बंगले का सौदा रद्द करना पड़ा।

जावेरी ने भावनगर के पॉश इलाके सेनेटोरियम में 10 जनवरी 2014 को बंगला खरीदा था। लेकिन हिंदू पड़ोसियों, विहिप और आरएसएस के चलते उन्हें यह बंगला 30 दिसंबर 2014 को वापिस बेचना पड़ा। बंगला खरीदने के कुछ महीनों बाद ही इलाके के हिन्दुओं ने विरोध शुरू कर दिया और कहाकि उनकी खाने की आदतों के चलते उन्हें परेशानी होगी। साथ ही इससे इलाके में मुस्लिमों के लिए रास्ते खुल जाएंगे।

यह इलाका हिंदू बहुल है और 150 में से केवल चार मकान मुस्लिमों के थे। इनमें से दो परिवार 2002 के दंगों के बाद दूसरी जगह चले गए। जावेरी ने यह बंगला 49 लाख रूपये में खरीदा था। इसके कुछ महीनों बाद बंगले के बाहर यहां पर राम दरबार आयोजित किए जाने लगे और हनुमान चालीसा व भजन बजाए जाने लगे। विहिप नेता प्रवीण तोगडिया को भी यहां बुलाया गया। इस दौरान तोगडिया ने इलाके के लोगों को कहाकि अगर 48 घंटे के अंदर जावेरी यह बंगला नहीं बेचे तो उसके दफ्तर पर हमला करो।

कुछ महीनों पहले खरीदने वाली फर्म भूमिति एसोसिएट्स ने इसे ध्वस्त कर दिया। हालांकि बंगला खरीदने वाली फर्म का कहना है कि उन्होंने किसी धार्मिक या राजनीतिक दल के चलते इस बंगले को नहीं खरीदा है। उनका कहना है कि हमने प्लॉट बाजार भाव पर खरीदा है और जावेरी इसे बेचना चाहते थे। जबकि विहिप और आरएसएस नेताओं का कहना है कि उन्होंने इस सौदे में भूमिका निभाई है।