लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का पैत्रिक जनपद इटावा अधिकारियों की हत्या और कातिलाना हमले का गढ़ बन गया है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा राजधानी लखनऊ में अपराधों की बाढ़ आ गयी है, मुख्यमंत्री की चेतावनियां बेअसर साबित हो रही है। ट्रिपल मर्डर और लूट की गुथ्थी सुलझने की कौन कहे 38 दिनों बाद और उलझती ही जा रही है।

प्रवक्ता पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गृह जनपद इटावा में भूमि संरक्षण अधिकारी पर हुए कातिलाना हमले का जिक्र करते हुए कहा कि मार्निगवाक करने गए अधिकारी पर ताबडतोड़ हमला होता है। इटावा में तैनात अधिकारियों पर हमले की लगातार घटनाऐं बढ़ी है, अभी कुछ दिनों पहले इटावा के खनन अधिकारी पर हमला हुआ। हमलावर अपने राजनैतिक रसूख के चलते मस्त है अधिकारी दहशत में। इसके पहले दरोगा आर.पी. सिंह की हत्या तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की हत्या से सूर्खियां बटोर चुके इटावा में अधिकारियों पर हमले होना आम बात होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद में हो रहे अपराधों को लेकर सपा महासचिव रामगोपाल यादव भी कई बार स्थानीय पुलिस की भूमिका पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि जानकारी होने के बाद भी पुलिस की पकड़ से अपराधी बाहर होते है, जो लोग यह कर रहे है अब उनके विरूद्ध कार्यवाही होगी। किन्तु उनकी ये चेतावनियां भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की चेतावनियों नसीहतो की तरह वेअसर साबित हुई। इटावा और उसके आस-पास के इलाके अपराधियों का हब बनते जा रहे है। इन अपराधियों के राजनैतिक रसुख के कारण पुलिस मुक दर्शक की भूमिका में है।

श्री पाठक ने कहा कि विकास के दावे के बीच मुख्यमंत्री राज्य की कानून व्यवस्था की तरफ भी अपने को केन्द्रित करे। उनके द्वारा 15 दिनों का समय देने के बाद यदि लखनऊ पुलिस 38 दिनों में कुछ नहीं कर पायी तो मुख्यमंत्री अपने निर्देश की खुद समीक्षा करे कि सरकार का इकवाल है या नहीं।