लखनऊ।  प्रदेश का डिप्लोमा इंजीनियर्स 4800 पे ग्रेड सहित कई मांगों को लेकर आन्दोलन रत है। महासंघ जेल भरों और हड़ताल के नोटिस के बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन के निर्देश पर प्रमुख सचिव किशन सिंह अटोरियो के नेतृत्व में बनाई गई शासन की कमेटी और महासंघ के पदाधिकारियों के बीच लगभग तीन घन्टे चली वार्ता के उपरान्त भी मांगों पर सहमति नही बनी। महासंघ की तरफ से वार्ता में शामिल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एस.पी. मिश्रा और महासचिव इं. एस.के.पाण्डेय के साथ इं. एस.डी. द्विवेदी चेयरमैन संघर्ष समिति, इं.हरि किशोर तिवारी अध्यक्ष लोक निर्माण विभाग, इं.आ.पी. राय महासचिव सिंचाई सिविल, इं. एस.एम. सिंह अध्यक्ष राज्य विद्युत परिषद, इं.कमलेश्वर तिवारी, इं.सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव अध्यक्ष लघु सिंचाई, इं.श्रीप्रकाश गुप्ता अध्यक्ष सेतु निगम शामिल थे। वार्ता के उपरान्त पदाधिकारियों ने बताया कि वार्ता वित्त विभाग के अडियल रवैये के चलते विफल रही है। महासंघ ने इस स्थिति पर विचार करने के लिए 25 मार्च को सभी घटक संघों के पदाधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। 

ज्ञातव्य हो कि महासंघ ने कई संघर्ष कार्यक्रम किये जिसमें मुख्य रूप से 72 घण्टों का धरना कार्यक्रम 28 व 29 जनवरी 2015 को समस्त विभागों के डिप्लोमा इंजीनियर्स का सामूहिक अवकाष कार्यक्रम एवं 27 फरवरी 2015 को लखनऊ मुख्यालय पर विषाल रैली कर विधान सभा का घेराव कर अपनी माँगों की पूर्ति हेतु उ.प्र.सरकार व शासन का ध्यानाकर्षण कर चुका है। उ.प्र. डिप्लोमा इंजीनियर्स के इं. एस.पी. मिश्रा ने प्रमुख माँगें बताते हुए कहा कि जूनियर इंजीनियर का प्रारम्भिक ग्रेड पे रुपये 4800 दिया जाना एवं समयबद्ध पदोन्नति शामिल है। उक्त सभी माँगों पर मुख्य सचिव उ.प्र. शासन की अध्यक्षता में 12 फरवरी 2015 का हुई बैठक में सैद्धान्तिक सहमति बनने के उपरान्त षासन द्वारा 24 फरवरी को जारी कार्यवृत्त में शासन की मंषा की समीक्षा की गई जिसमें वृहद भिन्नता पायी गई जिससे प्रदेष के समस्त  विभागों के डिप्लामा इंजीनियर्स में क्षोभ ब्याप्त है।