तत्काल राहत के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 200 करोड़ रु0 की धनराशि पहले ही स्वीकृत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने भारत सरकार से 500 करोड़ रुपए की अन्तरिम राहत की मांग की है। यह मांग बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से राज्य के किसानों को हुई भारी क्षति से तत्काल राहत पहुंचाने के लिए की गयी है। यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि भारत सरकार से प्रदेश में फसलों को हुई क्षति का स्थलीय सर्वेक्षण/आकलन करने के लिए केन्द्रीय दल भेजने का अनुरोध भी किया गया है। 

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के अधिकतर जनपदों में चक्रवाती तूफान के फलस्वरूप विभिन्न तिथियों में हुई अतिवृष्टि/ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलों को व्यापक क्षति पहुंची है। जनपद स्थलीय अधिकारियों द्वारा फसलों को हुई क्षति का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। अभी तक प्रदेश सरकार को प्राप्त सूचना के अनुसार राज्य के 22 जनपदों-महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन, पीलीभीत, बांदा, कन्नौज, मीरजापुर, इलाहाबाद, सहारनपुर, बदायूं, आजमगढ़, सोनभद्र, झांसी, फिरोजाबाद, उन्नाव, आगरा, फतेहपुर, अमेठी, ललितपुर, इटावा तथा कानपुर नगर में फसलों को 50 प्रतिशत से भी अधिक की क्षति हुई है। राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही फसलों को हुई क्षति का विस्तृत विवरण/मेमोरेण्डम भारत सरकार को भेजा जाएगा। 

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा किसानों को तात्कालिक रूप से राहत पहुंचाने के मद्देनजर राज्य आकस्मिकता निधि से 200 करोड़ रुपये की धनराशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। साथ ही, अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के मुख्यदेयों की वसूली पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा चुकी है।