सैफई (इटावा): प्रबंध समिति ग्लोबल सोसाइटी फोर हैल्थ एण्ड एजुकेशन ग्रोथ नयी दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार डिप्टी स्पीकर हाल, फेस्टीट्यूशन क्लब आफ इण्डिया मे आयोजित किया गया, जिसमें भु0पु0 सी.बी.आई. निदेशक शरदार योगेन्द्र सिंह, भु0पु0 एम्बेस्टर वी0बी0 सोनी एवं  भु0पु0 वाइस चेयरमैन पी0सी0 नैलवाल, उत्तराखण्ड प्रवासी क्वाडिनेशन एण्ड वेलफेयर एडवाइजरी समिति, उत्तराखण्ड सरकार, सेक्रेटरी एण्ड कन्वेनर, मिडिया डिपार्टमेन्ट, अनीस दुर्रानी, मेजर बेद प्रकाश सेक्रेटरी एआईसीसी की मौजूदगी में प्रोफेसर स्नेहाशिष भुनिया, फिजियोलाॅजी विभाग, उ0प्र0 ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, सैफई, इटावा को इन्के योग्दान को देखते हुए इन्हे ‘‘भारत शिक्षा रत्न‘‘ एवार्ड से सम्मानित किया गया।

 इस सेमीनार में इनके योगदान को ंउल्लेखित किया गया जो मुलतः ग्रामीण स्तर पर मेडिकल शिक्षा एवं नारी शिक्षा पर इन्हे योग्दान दिये जाने एवं इनके द्वारा इन क्षेत्रों में किये गये कार्यो को उल्लेखित किया गया। ज्ञात हो कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा भी ग्रामीण स्तर पर शिक्षा एवं नारी शिक्षा पर अत्याधिक बल दिया जा रहा है एवं इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाता हैं। 

प्रोफेसर स्नेहाशिष भुनिया मुख्यतः पश्चिम बंगाल के रहने वाले है एवं इन्होने स्नातक एवं स्नाताकोत्तर की पढ़ाई कलकता विश्वविद्यालय से की है एवं डाक्टरेट की उपाधी नागपुर विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। कलकता विश्वविद्यालय के पलैटीनम जुबली समारोह मे फिजियोलाॅजी पर एक लेख में वर्ष 1989 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित हुए थे। डाक्टरेट उपाधि मिलने के बाद जुलाई 2003 में फ्रेण्शिप फोरम आफ इण्डिया नई दिल्ली द्वारा -‘‘भारत एक्सीलेन्स एवार्ड एवं गोल्ड मेडल‘‘ दिया गया। उसी वर्ष उनको इन्टरनेशनल बायोग्राफीकल सेन्टर, कैम्ब्रीज, इंग्लैण्ड द्वारा ‘‘इन्टरनेशनल साइन्टीस्ट आफ दा ईयर 2003‘‘, एवं ‘‘लिडिग साइन्टीस्ट आफ दा ब्लड 2005‘‘ के लिए नामित किया गयाा। इन्को फिर ‘‘डिपलोमा आफ एचिवमेंट इनसाइस एवार्ड‘‘ इन्टरनेशनल बायोग्लोफिबल सेन्टर कैम्ब्रीज, इंग्लैण्ड द्वारा वर्ष 2005 में पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी वर्ष पेनग्रेमुन पब्लिसिंग हाउस, नई दिल्ली द्वारा ‘‘राइजिंग प्रस्नाल्टी आफ इण्डिया‘‘ एवार्ड हेतु नामित किया गया।

इस वर्ष जबकि फिजियोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस0 भुनिया के कार्यकाल में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्रओ को गोल्ड मेडल एवं विश्वविद्यालय टापर से संस्थान के स्थापना दिवस पर सम्मानित किया गया।