लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि नसीहते नहीं, कार्यवाई से काम चलाए अखिलेश यादव। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा पिता की तरह पुत्र भी अपने कार्यकर्ताओं की नसीहत तो दे रहे है पर कार्यवाई के मामले में मौन है। उन्होने सवाल किया कि नसीहतो के बाद भी बदायूं में सत्तारूढ़ दल के विधायक बेलगाम हुए यहां तक की बरेली में मंत्री तक रंगदारी मांगने के आरोपों की जद में है।

पार्टी मुख्यालय पर मंगलवार को प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पार्टी के प्रशिक्षण शिविर में कार्यकर्ताओं को नसहीत देते प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यवाही का भी दम दिखाये। उनके पिता पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव लगातार विभिन्न अवसरों पर पार्टी कार्यकर्ता को सार्वजनिक रूप से चेतावनियां देते रहे है, उनका कोई असर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर तो पड़ा नहीं। उल्टे मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के सामने उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मुसिबत बन कर ही उभरे। सपा कार्यकर्ताओं के आचरण और व्यवहार के कारण अखिलेश सरकार लगातार सवालों के घेरे में खड़ी हुई। चाहे वो दुर्गाशत्ति नागपाल के प्रकरण में नरेन्द्र भाटी का बयान हो अथवा टोल नाको पर सपाई शक्ति प्रर्दशन के प्रकरण रहे हो हर बार सरकार अराजक हुए कार्यकर्ता को पक्ष में खड़ी रही नजीतम तीन वर्षो के कार्यकाल में कानून व्यवस्था को ठीक किए जाने के दावे होते रहे पर दावे से इतर हकीकत रही।

उन्होंने बदायूं में घटी घटना के समाचारों का हवाला देते हुए कहा कि क्यो अर्वन को-आपरेटिव बैंक के कार्यवाहक जी.एम. को पुलिस में तहरीर देकर सपा विधायक पर पिटाई का आरोप लगाना पड़ा। बदायूं के सिविल लाइन थाने में प्राथमिक की तहरीर में कार्यवाहक जी.एम. ने आरोप लगाया कि विधायक ने अपने कोठी पर बुलाकर सूचना के अधिकार के तहत दी गयी सूचनाओं पर आपत्ति व्यक्त करते हुए उसकी पिटाई की। इसी तरह बेरली में एक विल्डर ने राज्य के मंत्री पर रंगदारी मांगे जाने की बात सार्वजनिक रूप से करते हुए अपनी सुरक्षा की गुहार की। अब सवाल है कि क्या जो जानकारियां समाचार पत्रो को है, विपक्ष है, वह सरकार के पास नहीं है, और है तो क्या कार्यवाही हुई।

श्री पाठक ने कहा कि निचले स्तर पर भ्रष्टाचार के खात्मे का दावा करते मुख्यमंत्री थोड़ी हकीकत अपने कार्यकर्ताओं से भी जान लेते तो बेहतर था। शायद उन्हें पता नहीं है कि फिल्ड में स्थितियां भिन्न है। योजनाओं के क्रियान्यवयन से लेकर सामान्य सूचनाओं के अदान-प्रदान में नित भ्रष्टाचार से जुझता प्रदेश का आमजन परेशान है। सरकार दावे करती है कि वरासत के मामले शीर्ष प्राथमिकता पर लिए जाये पर क्या जानकारी है कि तहसीलों सर्वाधिक मामले वरासत के लंम्बित है, तारीख, पर तारीख क्यों कि अन्य योजनाओं की व्यवस्तता के कारण अधिकारी बैठते ही नहीं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अनुशसित रखने के लिए कार्यवाई और नसीहत दोनों की आवश्यकता पड़ती केवल नसीहत के बजाय, आरोपो की जद में आये लोगों पर बगैर भेद-भाव अपनायें कार्यवाई भी करने का दम दिखाये अखिलेश यादव जी।