लखनऊ: जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश के 28 मार्च को आयोजित होने वाले अधिवेशन की तैयारी के सिलसिले में एक बैठक कैसर बाग, लखनऊ स्थित कार्यालय में हुई जिसमें पूर्वी यूपी के जिलों के प्रतिनिधियों और शहर लखनऊ के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए जमीअत उलेमा.ए उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने  कहा जमीअत उलेमा देश व राष्ट्र के हित में काम करती है। इसका  कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं। जमीअत उलेमा राजनीतिक पार्टी नहीं एक धार्मिक संगठन है।उन्हांेने ने जमीअत उलेमा उत्तर प्रदेश की बैठक के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला और बैठक को सफल बनाने के जिलों के अधिकारियों से अपील की। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर बैठक हो रही है और देश में जो खराब हालात हैं उनको लेकर जनता में आपको जाना होगा। बैठक के उद्देश्य के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे अधिवेशन के तीन मुख्य एजेंडा है, पहला एजेंडा राष्ट्रीय एकता, धार्मिक सहिष्णुता, प्यार मोहब्बत और जमीअत उलेमा का संयुक्त राष्ट्रीय दृष्टिकोण हैए आपकी यह जिम्मेदारी है कि आप घर घर जाकर जमीअत के संदेश को बताएं कि देश में अमन और शांति और देश की भलाई के लिए प्यार मोहब्बत को आम करना होगा। जो लोग देश में नफरत की दीवार खड़ी कर रहे हैं, जिनके नेता नफरत भरे भड़काऊ बयान देकर देश में आग लगा रहे हैं वे देश के दुश्मन हैं, उनका मुकाबला नफरत से नहीं प्यार और मोहब्बत से हो। कायदे मिल्लत हज़रत मौलाना सैयद अरशद मदनी की आवाज जहां मुसलमानों ने स्वीकार की है वहीं गैर मुस्लिम व विभिन्न धर्मों के मानने वालों ने भी समर्थन किया है।

उन्होंने कहा बैठक का दूसरा उद्देश्य उत्तर प्रदेश सरकार को अपने वादे पर अमल के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार को मुसलमानों ने दो तिहाई बहुमत से जिताया और उसके वादों को पूरा नहीं किया।  मुसलमानों को अठारह प्रतिशत आरक्षण की बात कही, तीन साल बीत जाने के बाद भी एक प्रतिशत भी आरक्षण नहीं दिया, निर्दोष मुसलमानों की रिहाई का वादा किया, लेकिन एक को भी आज तक रिहा न कर सके। दो साल बाकी हैं अगर उत्तर प्रदेश सरकार वादे पूरे करने में असफल रहती है तो अगले चुनाव में मुसलमानों को अपने साथ लेने में विफल हो सकती है।  उन्होंने कहा मेरा उद्देश्य मुसलमानों में फैली हुई खराबियों और बदआमालियों को दूर करने की ओर आकर्षित करना है। उन्होंने जिलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की अपील की।

 मुफ्ती अशफाक अहमद आजमी ने बैठक के महत्व को बताते हुए हर जिले से सदस्य से आयोजन में भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की और कहा कि यह बैठक जमीत उल्मा की राष्ट्रीय एकता के आंदोलन का एक हिस्सा है। इस बैठक की सफलता के लिए हम सभी को चिंतित होना है। मौलाना अबदुल हादी  महासचिव ने मदरसों के अधिकारियों से अपील की जमीअतुल उल्मा की बैठक को वह अपनी बैठक समझें । मौलाना अब्दुल अलीम फ़ारूक़ी महासचिव जमीअत उलेमा.ए.हिंद ने कायदे मिल्लत मौलाना सैयद अरशद मदनी निःस्वार्थ सेवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हजरत का साया कायम रहे। हज़रत का हर अमल आखिरत के लिए है ।

 बैठक में मुफ्ती अबरार अहमद, मौलाना हारून आलम, मौलाना मोहम्मद आसिफ, मौलाना शहर मोहम्मद, मुफ्ती नेअमतउल्लाह, मौलाना वकील अहमद, मौलाना अशफाक अहमद, मौलाना अब्दुल कुद्दूस, फसीह अहमद, मौलाना गुफरान कासमी आदि मौजूद थे।