मुंबई। शिव सेना ने भाजपा के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए जम्मू कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार के मुखिया मुफ्ती मोहम्मद सईद के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया है। शिव सेना के मुखपत्र में “गीदड़ की औलाद” शीर्षक से छपे संपादकीय में बीजेपी को इशारों में नसीहत दी गई है, साथ ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद के पाकिस्तान प्रेम पर जमकर निशाना साधा गया है।

शिव सेना ने जम्मू कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद से हाथ मिलाकर सरकार बनाने के पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले की आलोचना करते हुए लिखा है कि गठजोड़ की यह राजनीति भारतीय जनता पार्टी को आने वाले समय में मुसीबत में फंसा सकती है। पूरे देश को संकटग्रस्त करने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। जो लोग मुफ्ती परिवार का लौकिक जानते हैं, वे सईद परिवार से चाय पर चर्चा करने और आगे बढ़कर हाथ मिलाने के लिए तैयार नहीं होते।

लेख में शिव सेना ने मुफ्ती के पाकिस्तान, आतंकियों तथा हुर्रियत को धन्यवाद देने को भी निशाना बनाया है। लेख में लिखा है कि “सईद के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मौजूद थे। शपथ के बाद सईद ने उसी जगह जहर उगला। सईद का कहना है कि कश्मीर में में चुनाव शांतिपूर्वक पाकिस्तान और पाकिस्तानपरस्त आतंकी संगठनों की मेहरबानी से संपन्न हो सके। यह बयान देकर सईद ने साबित कर दिया कि वह खुद गीदड़ की औलाद हैं।”

लेख में पीडीपी विधायकों द्वारा अफजल गुरू की लाश के अवशेष की मांग को भी आड़े हाथों लिया गया है। इसके साथ ही मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण की बरसों पुरानी घटना पर भी सनसनीखेज आरोप लगाए गए। लेख में लिखा गया, “वीपी सिंह की सरकार में सईद होम मिनिस्टर थे। यूपी की मुजफ्फरनगर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। उनके गृह मंत्री रहते हुए आतंकियों ने उनकी बेटी रूबैया सईद का अपहरण कर लिया। रूबैया को छुड़ाने के लिए उन्हें दो आतंकियों को रिहा करना पड़ा। बाद में पता चला कि रूबैया के अपहरण का नाटक खुद सईद की सहमति से ही रचा गया था।”

पीएम नरेन्द्र मोदी पर हमला करते हुए सामना में लिखा गया है कि उन्होंने भरोसा दिलाया था कि वह कश्मीर के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे, हमने उनकी बात पर भरोसा किया। उन्हें अपने वादों का सम्मान करना चाहिए।