बांद्रा में मजदूरों के जुटने पर केंद्र सरकार घिरी

नई दिल्ली: 14 अप्रेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने के ऐलान के बाद मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हज़ारों की तादाद में मजदूर जुटने लगे। वे सभी अपने-अपने घर जाना चाहते थे। लॉकडाउन के बावजूद जुटी भीड़ को लेकर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने पूछा है कि रेलवे द्वारा आखिर 39 लाख टिकटों की बुकिंग क्यों की गई। क्या रेल मंत्रालय लॉकडाउन बढ़ने की सम्भावना से अनजान था।

कोरोना वायरस महामारी के संक्रमितों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है। जिसके चलते लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। लेकिन देश के कई हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर इस दौरान अपना घर वापस जाना चाहते हैं। बांद्रा में मंगलवार को जुटे मजदूर भी यही मांग कर रहे थे। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक करना पड़ा। वहीं 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया गया है। इस बीच कांग्रेस की ओर से सवाल किया गया है कि क्या रेल मंत्रालय लॉकडाउन बढ़ने के सम्भावना से अनजान था।

कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा कि रेलवे केंद्र सरकार के अधीन है। रेलवे ने 15 अप्रैल से 3 अप्रैल के बीच लगभग 39 लाख टिकट बुक कर लिए थे। क्या मोदी जी ने रेल मंत्रालय को नहीं बताया था कि लॉकडाउन बढ़ने वाला है। हर बार योजना विहीन पीएम साहब लेकिन गलती भुगतें मजदूर।

गुजरात के सूरत में भी मंगलवार की शाम को सैकड़ों प्रवासी मजदूर इस मांग के साथ एकत्रित हो गए कि उन्हें लॉकडाउन के बावजूद उनके मूल स्थानों को भेजा जाए। यह जानकारी पुलिस ने दी। पुलिस ने बताया कि प्रवासी मजदूर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में एकत्रित हो गए और यह मांग करते हुए सड़क पर बैठ गए कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने की इजाजत दी जाए। मौके पर एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ ये प्रवासी मजदूर अपने मूल स्थानों को जाना चाहते हैं। हमने इन्हें बेसब्र नहीं होने के लिए कहा क्योंकि वर्तमान समय में लॉकडाउन लागू है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि उनमें से कुछ लोग भोजन के बारे में शिकायत कर रहे थे, अत: हमने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को बुलाया और इनके लिए तत्काल भोजन के पैकेट के इंतजाम किये। स्थिति अब नियंत्रण में है।’’ प्रवासी श्रमिकों ने सूरत में शुक्रवार को इस मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था कि उन्हें उनके मूल स्थानों को भेजा जाए।

इस घटना पर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आख़िर हर बार हर विपत्ति गरीबों और मजदूरों पर ही क्यों टूटती है? उनकी स्थिति को ध्यान में रखकर फैसले क्यों नहीं लिए जाते? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया जाता है? लॉकडाउन के दौरान रेलवे टिकटों की बुकिंग क्यों जारी थी? स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम क्यों नहीं किया गया? उनके पैसे खत्म हो रहे हैं, स्टॉक का राशन खत्म हो रहा है, वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जिसके कारण वह अपने घर-गांव जाना चाहते हैं। इसकी व्यवस्था होनी चाहिए थी। अभी भी सही प्लानिंग के साथ इनकी मदद की व्यवस्था की जा सकती है। मजदूर इस देश की रीढ़ की हड्डी हैं। नरेंद्र मोदी जी जी भगवान के लिए इनकी मदद कीजिए।'