नई दिल्ली: जनता कर्फ्यू पर शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का प्रतीकात्मक धरना प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने प्रदर्शनस्थल पर मौजूदगी दर्ज कराने के लिए अपने जूते-चप्पल तख्त पर रख दिए हैं। सभी प्रदर्शनकारी वहां से हटकर वापस अपने घर गए हैं।

कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने के लिए 'जनता कर्फ्यू' का असर पूरे भारत में देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन सीएए (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ महिलाएं भी अब इसके समर्थन में आ गई है। बता दें कि रविवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शन वाली जगह पर एक पेट्रोल बम फेंका गया है।

' शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि आज CAA विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर एक पेट्रोल बम फेंका गया।' सीएए के विरोध में महिलाओं ने दिसंबर के मध्य से ही दक्षिणपूर्वी दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाली सड़क का एक साइड अवरूद्ध कर रखा है।

सोमवार को, दिल्ली सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 50 से अधिक लोगों वाले समारोहों की अनुमति नहीं है, जिसकी संख्या घटाकर अब 20 कर दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'यह शाहीन बाग पर भी लागू होता है।'

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसी भी समय 50 से अधिक महिलाएं विरोध प्रदर्शन नहीं कर रही हैं। हम छोटे टेंटों के नीचे बैठेगें हैं। केवल दो महिलाएं प्रत्येक टेंट के नीचे बैठेंगी और अपने बीच एक मीटर से अधिक दूरी बनाए रखेंगी। प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक, तासीर अहमद ने कहा कि पर्याप्त संख्या में सैनिटाइटर और मास्क की व्यवस्था की गई है और प्रदर्शन स्थल को नियमित अंतराल पर संक्रमण-मुक्त किया जा रहा है।