लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर कार्य को करने का अपना एक दृष्टिकोण होना चाहिए और वह दृष्टिकोण जब सकारात्मक होता है तो उसके परिणाम भी सकारात्मक होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में एक अवसर मिलता है, लेकिन अवसर के पहले कई चुनौतियां होती है। इन चुनौतियों को अवसर में बदलने की कला जिसे आ जाती है, वही सफल होता है। आवश्यकता है कि हम अपनी ‘युवा ऊर्जा को प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए तैयार करें।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में कौशल सतरंग कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘कौशल सतरंग’ योजना, प्रदेश की युवा ऊर्जा को स्वावलंबन व प्रदेश के विकास के साथ जोड़ने का एक अभिनव प्रयास है। परंपरागत उद्योगों को पहचान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ की अभिनव योजना प्रारंभ की, जिसने देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश के उत्पादों को एक नई पहचान दिलायी। इसकी सफलता को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया है। कौशल सतरंग के माध्यम से प्रदेश की इकोनाॅमी में बढ़ोत्तरी होगी, इससे प्रधानमंत्री जी के देश की इकोनाॅमी को 05 ट्रिलियन डाॅलर बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में मदद मिलेगी।

वर्तमान सरकार की ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक निर्यात करने वाला राज्य बन सकता है। इस योजना ने एक वर्ष में ही 05 लाख युवाओं को रोजगार और वित्तीय समावेशन के साथ जोड़ने का कार्य किया है। प्रदेश में 03 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिसके माध्यम से 37 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा।

जनपद मुजफ्फरनगर का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत उस जनपद के विशिष्ट उत्पाद गुड़ को प्रोत्साहित किया गया। इसके परिणामस्वरूप यहां 118 किस्म के गुड़ बनाये जा रहे हैं और उनका निर्यात भी किया जा रहा है। परंपरागत उद्यमों के शिल्पकारों एवं कारीगरों को व्यवस्थित प्रशिक्षण व पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए बैंकों से जोड़ने एवं टूलकिट उपलब्ध कराने का कार्य युद्धस्तर पर किया गया। राज्य सरकार ने ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के माध्यम से परंपरागत शिल्पकारों एवं कारीगरों को स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्लास्टिक को बैन किया। प्लास्टिक के स्थान पर मिट्टी के बने बर्तनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘माटी कला बोर्ड’ द्वारा कुम्हारों तथा इस उद्योग से जुड़े लोगों को अप्रैल से जून तक तालाबों से निःशुल्क मिट्टी दिए जाने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से कारीगरों की क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई। इसी का परिणाम रहा है कि अयोध्या में गत वर्ष दीपोत्सव के लिए वर्ष 5 लाख 51 हजार दीपक स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हुए।