नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मामले में जांच का दायरा बढ़ा दिया है। शनिवार को जांच एजेंसी के अधिकारियों ने मुंबई और दिल्ली में राणा कपूर की तीन बेटियों के घरों की भी तलाशी ली। इनके नाम हैं राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर। राणा कपूर से शनिवार को भी पूछताछ जारी रही। इन पर मनीलॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। सूत्रों का कहना है कि घोटाले का पैसा इनकी बेटियों को भी मिला है।

सूत्रों ने बताया कि राणा कपूर को शनिवार दोपहर में मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के ऑफिस लाया गया। ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार की रात मुंबई के वर्ली स्थित राणा के घर ‘समुद्र महल’ में तलाशी लेने के साथ उनसे पूछताछ भी की थी। यह पूछताछ लगभग पूरी रात चली। ईडी ने राणा कपूर के नाम लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था, ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें।

राणा कपूर के खिलाफ मामला घोटाले में फंसे डीएचएफएल से जुड़ा है। यस बैंक ने इस कंपनी को कर्ज दिया था, जो एनपीए हो गया। उनके खिलाफ मनीलॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई की जा रही है। जांच एजेंसी कुछ कंपनियों को लोन देने में भी राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि इस लोन के बदले रिश्वत की रकम उनकी पत्नी के खाते में जमा कराई गई। एक अधिकारी ने बताया कि तलाशी में कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ राणा कपूर के संबंधों का पता लगाना चाहती है।

डीएचएफएल पर 80 शेल कंपनियों और एक लाख फर्जी ग्राहकों के जरिए लगभग 12,500 करोड़ रुपये का घपला करने का आरोप है। यह मामला 2015 का है। डीएचएफएल की जांच में पता चला कि कंपनी ने जिस पैसे की हेराफेरी की, वह पैसा यस बैंक से निकला था। आरोप है कि राणा कपूर ने यस बैंक के जरिए मनमाने तरीके से मोटे लोन बांटे। लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय की। ये लोन राणा कपूर ने अपने निजी संबंधों के आधार पर दिए।

सूत्रों ने बताया कि ईडी कुछ और अनियमितताओं की भी जांच कर रही है। इसमें उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का पीएफ घोटाला भी शामिल है। सीबीआई ने 2,267 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच हाल ही अपने हाथों में ले ली है। यूपी पावर के पीएफ का पैसा डीएचएफएल में निवेश किया गया था।

यस बैंक को साल 2004 में राणा कपूर और अशोक कपूर ने शुरू किया था, जिन्हें उस दौर में दिग्गज प्रोफेशनल माना जाता था। राणा कपूर ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़ने के बाद न्यूजर्सी के रटगर्स यूनिवर्स‍िटी से एमबीए किया था। उन्होंने 16 साल तक बैंक ऑफ अमेरिका में नौकरी की थी।

यस बैंक के संकट में फंसने के बाद इसका संचालन रिजर्व बैंक ने अपने हाथों में ले लिया है। इसने खाताधारकों के लिए महीने में 50 हजार रुपये तक की निकासी की सीमा तय कर दी है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने रिजर्व बैंक से यह पता लगाने के लिए कहा है कि यस बैंक में क्या गलत हुआ और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए।