डिसास्टर रिस्क रिडक्शन के बारे में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कार्यशाला किया का आयोजन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नेतृत्व तथा इंटर एजेंसी ग्रुप उत्तर प्रदेश के सहयोग से आपदा खतरा न्यूनीकरण तथा जलवायु परिवर्तन अनुकूलन हेतु स्टेट प्लेटफार्म आन डिसास्टर रिस्क रिडक्शन की प्रथम बैठक संपन्न हुई।

डा0 भानु ने नेशनल प्लेटफार्म आन डिसास्टर रिस्क रिडक्शन के बारे में बताते हुये चर्चा प्रारम्भ की। इसके उपरान्त मिहिर भाई ने राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर 2015 में किए गए विभिन्न समझौतों का जिक्र करते हुए कहां कि आज अधिकतर प्राकृतिक आपदाएं जलवायु परिवर्तन के कारण देखने को मिलती हैं। इसको समझने के लिए हमें स्थानीय मुद्दों को समझने की कोशिश करना होगा और उदाहरण स्वरूप आम लोगों के सामने प्रस्तुत करना होगा। ऐसा करने से ही लोग जलवायु परिवर्तन तथा इससे होने वाली समस्याओं के बीच संबंध स्थापित कर पाएंगे।

जब हम तापमान में वृद्धि, समुद्र के जलस्तर का ऊंचा होना या ग्लेशियर पिघलना जैसे उदाहरण लोगों के सामने रखते हैं तो उनको समझना मुश्किल होता है और उनकी भागीदारी कम होती जाती है।

भारत सरकार ने नवंबर 2019 में आपदा खतरा कम करने तथा विकास में टिकाउपन लाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना प्रकाशित किया है। इस योजना का आधार सेंदाई फ्रेमवर्क तथा पेरिस समझौता माना गया है इन्हीं बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में 10 सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया था जिसके माध्यम से देश में आपदा खतरा न्यूनीकरण तथा स्थाई विकास की नीव डाली जा रही है।

लेफ्टिनेंट जनरल आर पी साही ने बताया कि आपदा खतरा कम करने तथा क्षति और नुकसान को न्यून करने हेतु समस्त उचित कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत हुआ है इस प्राधिकरण का मुख्य दायित्व है की स्थाई विकास आपदा प्रबंधन क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करना तथा सहयोग और क्षमता वृद्धि की जाए।