नई दिल्ली: दिल्ली में बनने वाले नए संसद भवन से प्रधानमंत्री आवास के लिए एक सुरंग बनाई जाएगी। ये सुरंग स्पेशली प्रधानमंत्री के लिए होगी। जो सीधे प्रधानमंत्री आवास से संसद तक जाएगी। सुरंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास से सीधे संसद भवन पहुंचा जा सकेगा। इसके अलावा कई स्पेशल रूट भी बनाए जाएंगे। इसके पीछे ट्रैफिक कंट्रोल, राजनेताओं और नेताओं के वीआईपी कल्चर को खत्म करने में आसानी होगी। ये सुरंग और स्पेशल रूट प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिहाजे से भी बहुत महत्वपूर्ण है।

अंगेजी वेबसाइट deccan herald में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सीईपीटी विश्वविद्यालय में पिछले सप्ताह "सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट: रीमैजिनिंग एंड रिन्यूइंग ए नेशनल आइकॉन" पर एक प्रस्तुति में यह बातें साझा की गई हैं। इस कार्यक्रम में इस प्रोजेक्ट के मास्टर प्लानर बिमल पटेल ने कहा है कि ये आइडिया इसलिए है ताकी संसद भवन रोड पर ट्रैफिक और याताताय में लोगों को बाधा ना उठाना पड़े। याताताय पहले से अधिक सुलभ बनाने के लिए हमें ये प्लान बनाया है। ऐसा बाकी के देशों में भी किया जाता है। केंद्र की नरेंन्द्र मोदी सरकार ने पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल 2019 में जारी की थी। 2022 का सत्र नई बिल्डिंग में होगा।

दो घंटे के पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में मास्टर प्लानर बिमल पटेल ने कहा है कि पीएम का काफिला अब दूर हो चुका है, क्योंकि उन्हें ऑफिस से घर और बाकी जगहों के लिए सुरंग से आने-जाने की सुविधा दी जाती है। इससे आप सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षा चिंताओं से भी मुक्त करते हैं, उन लोगों को अलग करना चाहिए जिन्हें उच्च सुरक्षा की आवश्यकता है और उन्हें दूर ही रखा जाना चाहिए।

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन में यह भी बताया गया है कि पीएम के घर को साउथ ब्लॉक के पास और उप-राष्ट्रपति के घर को नॉर्थ ब्लॉक के पीछे स्थानांतरित किया जाएगा। रक्षा कर्मियों के मौजूदा कार्यालयों को हटा दिया जाएगा और उन्हें विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) कार्यालय से बदल दिया जाएगा।

मास्टर डिजाइन के अनुसार, ये दो ब्लॉक, जो कई मंत्रालयों के घर हैं, को एक राष्ट्रीय संग्रहालय में बदल दिया जाएगा। योजना के अनुसार, साउथ ब्लॉक को “1857 तक भारत” के संग्रहालय में बदल दिया जाएगा।

मास्टर प्लानर बिमल पटेल ने कहा कि उत्तर और दक्षिण ब्लॉक को हमारे देश का एक भव्य राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने का विचार है, पटेल ने बार-बार कहा कि डिजाइन लगातार नए और बेहतर विचारों के साथ बदले जाएंगे। मास्टर प्लानर बिमल पटेल ने यह भी बताया है कि हालांकि ये कोई फिक्स प्लानिंग नहीं…है अगर कोई बेहतर सुझाव होगा तो बदलाव किया जा सकता है।

पटेल ने बताया, जिस फर्म ने एचसीपी डिजाइन का मास्टर प्लान तैयार किया है, उसके मुताबिक सेंट्रल विस्टा या राजपथ में 50,000 से 60,000 सरकारी कर्मचारियों के बीच समायोजन के लिए दस नए भवन बनाए जाएंगे। वर्तमान में, वे राजधानी दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हैं। इसके लिए नई व्यवस्था की जाएगी।

पटेल ने कहा, प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये बचेंगे जो किराए पर खर्च किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी आवागमन को आसान बनाने के लिए भूमिगत शटल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इन इमारतों की ऊंचाई ग्राउंड प्लस आठ मंजिलों से 36 मीटर लंबी होगी, जो इंडिया गेट से छह मीटर कम है।

उन्होंने कहा है कि भूमिगत सुरंग को प्रधानंमत्री आवास के सभी भवनों को जाएगा और जोड़ेगा भी। उन्होंने कहा कि हम ठीक पूरा प्रोजेक्ट वैसे ही बनाने का प्लान है, जैसे दुबई और सिंगापुर के हवाई अड्डे एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक कनेक्ट हैं।