लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले से ही उन लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्हें नए नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारतीय नागरिकता की आवश्यकता है। ऐसे में सरकार ने जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह शरणार्थियों की पहचान करे, जिसके बाद यूपी सरकार ने 32 हजार शरणार्थियों की पहचान कर ली है। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं है कि इस पहचान के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है?

एनडीटीवी न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। उत्तर प्रदेश की सरकार की तरफ से सभी जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्रालय की जानकारी जो मुझे दी गई है उसके मुताबिक 21 जिलों में लगभग 32 हजार शरणार्थियों की पहचान की गई है। ये प्रक्रिया अभी जारी है। अन्य जिलों से भी आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं और ये संख्या बहुत आगे बढ़ेगी।'

इसके अलावा कहा गया है कि उत्तराखंड से लगने वाला जिला पीलीभीत में 37000 शरणार्थियों की पहचान की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के शीर्ष सरकारी अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने शुक्रवार दोपहर स्थानीय पत्रकारों को जानकारी दी है कि बांग्लादेश और पूर्वी पाकिस्तान से आए 37000 शरणार्थियों की पहचान की गई है। यह पहचान "प्रारंभिक सर्वेक्षण" के हिस्से के रूप में की गई है। इन सभी के नाम राज्य सरकार के पास भेजे गए हैं। श्रीवास्तव का कहना है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये लोग अपने देशों में उत्पीड़न के कारण पीलीभीत आए थे।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से एक है, जहां सबसे अधिक हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा गया। पिछले महीने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। हिंसक विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया था कि सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा।।