नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा मामलें में अपराध शाखा पुलिस ने सोमवार को कैंपस का दौरा किया और छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष, पंकज मिश्रा और वास्कर विजय से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस ने आइशी घोष को एक वीडियो भी दिखाया।

पेरियार होस्टल के वीडियो को दिखाकर अध्यक्ष आइशी घोष से करीब 10 मिनट तक छात्र संघ के दफ्तर में पूछताछ की गई। बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले में नौ लोगों की पहचान की थी जिसमें इन तीनों का नाम भी शामिल था। इस संबंध में पुलिस ने तस्वीर भी जारी की थी। दिलचस्प है कि यह तस्वीर उन्हीं वीडियो से ली गई थी जिसे सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था।

इससे पहले जेएनयू हिंसा मामले पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। महासचिव निधि त्रिपाठी ने कहा कि फीस वृद्धि के खिलाफ हो रहे आंदोलन को छात्र विरोध कहना गलत होगा। जेएनयू में हुई हिंसा की कहानी 28 अक्टूबर 2019 को लिखी गई थी और इसका समापन हिंसा के जरिए, 5 जनवरी 2020 को हुआ। जिसमें छात्रों का खून बहाया गया। यह यूनिवर्सिटी पर एक नक्सली हमला था। निधि ने कहा कि इस हिंसा को लेकर चर्चाएं हो रही हैं लेकिन यह केवल 5 जनवरी तक ही सीमित नहीं है। हमें यह भी देखना होगा कि 28 अक्टूबर 2019 से 5 जनवरी 2020 तक क्या हुआ। उन्होंने कहा कि हिंसा मामले में जिन्हें नोटिस भेजा गया है, उन्हें बुलाया जाएगा तो वो पुलिस जांच में सहयोग करेंगे।

जेएनयू के शिक्षकों ने सोमवार को मानव संसाधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि छात्र डरे हुए हैं। हम पढ़ाई लिखाई कैसे शुरू करें? वे यूनिवर्सिटी आने से डर रहे हैं। पिछले सेमेस्टर में कोई परीक्षा नहीं हुई है। पिछले एक साल में वीसी द्वारा शिक्षकों को 49 बार नोटिस जारी किया जा चुका है, इसलिए हम लोग कैम्पस में विरोध कर रहे हैं। इस परिस्थिति में हम कैसे काम करें।